सरसा। पूज्य गुरु जी ने इन्सां लॉकेट के बारे में फरमाया कि हमारी जात इन्सानियत आदमियत है। किसी एक दूसरे के ब्लड लगाओ, ब्लड ग्रुप सेम हैं हिन्दू का खून मुस्लिम के, मुस्लिम का सिक्ख के, सिक्ख का ईसाई के। एक का ब्लड एक दूसरे को लग सकता है तो बताओ एक दूसरे में फर्क कहां है। क्या पशु का खून आदमी में लग सकता है, अभी तक तो लगता नहीं और ना ही लगे। वरना आदमी सारे पशुओं को निचोड़ लेगा।
इसलिए सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने जो रूहानी जाम चलवाया शाह सतनाम जी दाता रहबर ने और इस लॉकेट का मतलब यह ही है, हम सब एक हैं और हमारा मालिक एक है। जिसने यह धारण किया, गर्व से धारण करो, डरके नहीं ‘हम सब एक हमारा मालिक एक’ हम ये मानने वाले है। हम सब धर्मों का सत्कार करने वाले हैं। किसी का निरादर नहीं करते। गुरुओं ने हमें यह रास्ता दिखाया है, और इसका कोई अलग मतलब नहीं है, अलग धर्म जात मजहब नहीं।
आइए सुनते हैं पूज्य गुुरु जी के लॉकेट पर वचन….
msg pic.twitter.com/LEEnd17zR3
— Sach Kahoon (@SACHKAHOON) March 19, 2023
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।