चीन: हमने पाक के सैन्य प्रतिष्ठानों को नहीं बल्कि जैश के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया: सुषमा स्वराज

We target terror groups not Pakistan's military establishments : Sushma Swaraj

भारत किसी भी रूप से तनाव नहीं बढ़ाना चाहता, जैश भारत के कई हिस्सों में आतंकी हमले की साजिश कर रहा था: सुषमा स्वराज

एजेंसी। चीन के वुझेन में रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक चल रही है। इसमें सुषमा स्वराज ने पुलवामा (We target terror groups not Pakistan’s military establishments : Sushma Swaraj) हमले का मुद्दा उठाया। सुषमा ने पाक की सीमा में भारत के हमले को लेकर कहा कि यह कोई सैन्य अभियान नहीं था। इसमें पाक के किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। केवल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर कार्रवाई की गई। भारत किसी भी रूप से तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता। हम जिम्मेदारी और संयम से काम करते रहेंगे। पुलवामा हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने मंगलवार तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमला कर जैश के कई ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसमें 350 आतंकी मारे गए थे।

‘भारत में हमले की योजना बन रही थी’

सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकी गुटों के होने और उन पर कार्रवाई करने से लगातार इनकार कर रहा था। वहीं, जैश भारत के कई हिस्सों में आतंकी हमले की साजिश कर रहा था। इसी वजह से हमारी सरकार को अचानक हमले का फैसला लेना पड़ा। हमने इस बात का ध्यान रखा कि कार्रवाई में किसी आम नागरिक की जान न जाए। भारत की विदेश मंत्री के मुताबिक, पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद जैश और पाक में स्थित अन्य आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी कहा था। लेकिन पाक ने इसे गंभीरता से लेने की बजाय किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार कर दिया। साथ ही पुलवामा हमले में जैश का हाथ होने से साफतौर पर इनकार कर दिया।

सुषमा ने कहा कि ऐसे कायराना आतंकी हमले सभी देशों को आगाह करने वाले हैं। इसके खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाने और निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है। हाल ही में हुए पुलवामा हमले के बाद हम सचेत हैं। हमले में हमारे 40 जवान शहीद हुए थे। जैश कश्मीर में अपनी गतिविधियां संचालित करता है। इसे पाक से मदद भी मिलती है। सुषमा ने बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी और रूस के विदेश मंत्री सर्गे लावरोव के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की वुहान में अनौपचारिक मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी बेहतर हुए हैं।

Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।