चंडीगढ़ (एजेंसी)। हरियाणा और पंजाब में जल संकट गहराने की आशंका है। भाखड़ा नंगल डैम में जलस्तर लगातार गिर रहा है। हालात यह है कि यह अभी तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डैम में जलस्तर गिरकर 1642 फीट तक पहुंच गया है। यह पहली बार है डैम में जलस्तर 1650 फीट से नीचे आया है। इसके साथी इस पर हरियाणा में राजनीति शुरू हो गई है। पंजाब में भी इस मामले पर राजनीति तेज होने के आसर हैं।
हरियाणा में कांग्रेस ने जल संकट के लिए मनोहरलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दूसरी ओर, भाजपा ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया है। प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा का कहना है कि पहाड़़ों से कम पानी आया तो इसमें सरकार क्या कर सकती है। इस मामले पर भी राजनीति करना शर्मनाक है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते हरियाणा में भयंकर पेयजल संकट दस्तक दे रहा है। अधिकतर जलघर, तालाब व जोहड़ सूख चुके या सूखने के कगार पर हैं। नहरों से पानी सप्लाई आधी से कम रह गई है। भाखड़ा डैम से मार्च से लेकर मई तक हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला। किसी डैम से राज्यों को पानी का बंटवारा उनके तय हिस्सेदारी के हिसाब से होना चाहिए।
पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले साल 20 सितंबर को भाखड़ा बांध में पानी अपने उच्चतम स्तर 1680 फीट से थोड़ा ही नीचे 1673 फीट था। आज भाखड़ा में पानी का स्तर 31 फुट घट गया है। यह खतरनाक स्थिति बयां करता है। भाखड़ा ब्यास मैनजेमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की विगत 29 मई की बैठक में कहा गया कि सर्दियों में कम बर्फबारी से जलाशय में कम पानी आया। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी की अनदेखी किसने और क्यों की। सर्दियों में कम बर्फबारी हुई तो क्यों मार्च व मई के बीच इतना पानी छोड़ा गया कि जलस्तर इतना नीचे आ गया।