लोगों की सेहत से किया जा रहा खिलवाड़, हाउसिंग बोर्ड से लेकर सिविल लाइन तक के लोग बदबू से परेशान
हनुमानगढ़। जंक्शन के रीको क्षेत्र में फैक्ट्रियों से प्रवाहित हो रहे प्रदूषित पानी की समस्या अब फिर खड़ी हो गई है। हालांकि भारी विरोध के बाद कुछ समय के लिए यह प्रदूषित पानी प्रवाहित होना बंद हो गया था। लेकिन अब फिर पिछले करीब एक सप्ताह से उद्योगपति प्रदूषित पानी खुले में छोड़ रहे हैं जो प्रदूषण का कारण बन रहा है। बिना ईटीपी प्लांट की वजह से प्रदूषित पानी सीधा नालियों में गिरता है। यह पानी रेलवे लाइन के पास सड़क के दूसरी तरफ इका होता है। यहां यह पानी सड़ जाता है और हाउसिंग बोर्ड से लेकर सिविल लाइन तक के लोग इसकी बदबू से परेशान हो उठते हैं। यह प्रदूषित पानी इतनी ज्यादा मात्रा में इका हो चुका है कि यहां समंदर बन चुका है। इस पानी की बदबू इतनी गंदी और तेज है कि शीशे बंद कार में भी लोगों को नाक पर कपड़ा रखना पड़ता है। जंक्शन रीको क्षेत्र में वर्तमान में करीब 251 फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं। जीरो क्यूसेक पानी डिस्चार्ज की शर्त पर प्रदूषण मंडल ने फैक्ट्रियों को एनओसी जारी किया हुआ है। इसके बावजूद फैक्ट्री संचालकों की ओर से हजारों लीटर पानी रोज खुले में प्रवाहित किया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले गंदे पानी में केमिकल्स बहुत ज्यादा मात्रा में होते हैं। डॉक्टर्स की मानें तो यह केमिकल भी कैंसर जैसे रोग को बढ़ावा देते हैं। अगर इस दूषित पानी में मक्खी मच्छर बैठे और घर तक पहुंचे तो पेट की बीमारियों जैसे टाईफाईड, उल्टी, दस्त और स्किन संबंधित बीमारियां पैदा होती हैं। वहीं फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुंए से सांस की बीमारियां और फेफड़ों का कैंसर भी होता है। पार्षद प्रतिनिधि मनोज बड़सीवाल ने कहा कि लम्बे समय व लम्बे संघर्ष के बाद रीको की फैक्ट्रियों का गंदा पानी बंद करवाया गया था। लेकिन अब पिछले करीब एक सप्ताह से फैक्ट्रियों का दूषित पानी फिर से खुले में छोड़ा जा रहा है। यह गंदा पानी नहरों में मिल रहा है। दूषित नहरी पानी को पीने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां फैल रही हैं। बाइपास पर गंदा पानी एकजगह एकत्रित होने से आसपास का क्षेत्र दुर्गंधमय है। लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। बड़सीवाल ने बताया कि नागरिकों के विरोध के बाद तत्कालीन जिला कलक्टर के प्रयासों से फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंदा पानी बंद हो गया था। लेकिन पिछले दिनों उनका स्थानांतरण हो गया। अब फिर यही समस्या पैदा हो गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को बंद करवा इस समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाए।
रीको अधिकारी बोले, पॉल्यूशन बोर्ड को लिखा
रीको के क्षेत्रीय मुख्य प्रबंधक सुनील कटिहार के अनुसार पिछले दिनों रीको और पॉल्यूशन बोर्ड की ओर से संयुक्त कार्रवाई की गई थी। तब कई फैक्ट्री संचालकों ने पानी कम कर दिया था। साथ ही कई फैक्ट्रियों में ईटीपी लग गए थे। इस कारण खुले में छोड़े जाने वाले गंदे पानी की मात्रा पहले से कम हो गई थी। लेकिन अब फिर पिछले कुछ दिन से पानी की मात्रा बढ़ गई है। इसके लिए पॉल्यूशन बोर्ड को लिखा गया है कि जो इकाइयां गंदा पानी छोड़ रही हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें पाबंद किया जाए। क्षेत्रीय मुख्य प्रबंधक ने कहा कि इकाइयों से चोरी-छिपे पानी छोड़ दिया जाता है। इस गंदे पानी से रीको की सड़कें भी क्षतिग्रस्त होती हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर भी डेमेज होता है। इस समस्या का निस्तारण करना हमारी जिम्मेदारी है। इसके लिए पूर्व में की गई व्यवस्था के तहत सीईटीपी के लिए आवंटित जमीन पर वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण की कार्रवाई की थी। उस कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए पुन: नियत स्थान पर ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। सीटीपी की भूमि तक पाइप लाइन बिछाने के लिए दोबारा टेंडर किया गया है। शीघ्र ही पाइप लाइन को सीटीपी की भूमि तक ले जाया जाएगा ताकि सड़क के किनारे पानी एकत्रित न हो।
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