जिले में से गुजरने वाली अन्य नदियों-नालों में पानी का स्तर अभी सामान्य
- पटियाला में किसानों ने दूसरी-तीसरी बार लगाया धान
- घग्गर व मारकंडा नदी में 14 फुट पर पहुंचा पानी का स्तर | Patiala News
पटियाला (सच कहूँ/खुशवीर सिंह तूर)। पहाड़ों में भारी बारिश होने से घग्गर (Ghaggar) में फिर से जलस्तर बढ़ने लगा है। वीरवार को घग्गर में पानी का स्तर 14 फुट पर पहुंच गया है। पहाड़ों में बारिश होने की खबरें सुनते ही घग्गर के नजदीक के किसानों और आमजन को फिर से चिंता सताने लगी है। वैसे वहीं प्रशासन का कहना है कि मौजूदा समय में चिंता की कोई बात नहीं है। जानकारी के अनुसार पटियाला जिले के राजपुरा, घनौर, सनौर, सुतराना हल्कों में से घग्गर नदी गुजरती है और हिमाचल में बरसात होने के बाद पानी पंजाब की तरफ मार करता है। Patiala News
पंजाब के डेमों में भी पानी का स्तर बढ़ चुका है। आज शाम की फ्लड कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के मुताबिक घनौर के नजदीक सराला हैड पर घग्गर में पानी का स्तर आज 14 फुट पर पहुंच गया है, जबकि यहां खतरे का निशान 16 फुट पर है। मौजूदा समय में घग्गर में 19 हजार क्यूसिक पानी बह रहा है। बीते दिनों दौरान पटियाला में घग्गर ने भारी तबाही मचाई है और 40 हजार हैक्टेयर के करीब धान की फसल बर्बाद हो गई थी और किसानों ने दूसरी-तीसरी बार धान की रोपाई की है।
इसके अलावा मारकंडा नदी में भी पानी का स्तर 14 फुट के लगभग बह रहा है और इसमें खतरे का स्तर 20 फुट पर है। वहीं टांगरी नदी में पानी का स्तर काफी कम है जोकि आमजन के लिए राहत की बात है। यहां पानी का स्तर 6 फुट के नजदीक चल रहा है। इसके अलावा पटियाला से गुजरने वाली बाकी नदियां में पानी की आमद बिल्कुल कम है। वहीं भाखड़ा डैम में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है और 1674 फुट पर चल रहा है, जबकि पिछले साल यहां पानी का स्तर 1657 फुट पर था। पोग डैंम में पानी का स्तर 1391 फुट पर चल रहा है और यहां पानी का स्तर पिछले साल 1380 फुट के करीब था। पटियाला में घग्गर नदी सबसे अधिक तबाही मचाती है, जिस कारण लोगों में डर पैदा होना स्वभाविक है।
अभी चिंता वाली कोई बात नहीं: डिप्टी कमिशनर | Patiala News
डिप्टी कमिशनर साक्षी साहनी का कहना है कि जिले में पानी आने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा पूरी नजर रखी जा रही है और लोग अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान न दें। घग्गर में पानी जरूर आया है, लेकिन अभी खतरे के निशान से नीचे है और बाकी नदियों-नालों में पानी की आमद बहुत कम है।
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