जब आप जाग रहे होते हैं, तब आपका दिमाग 10 से 23 वाट की बिजली उर्जा छोड़ता है, जो एक बिजली के बल्ब को भी चला सकती है। मनुष्य के दिमाग में दर्द की कोई भी नस नहीं होती है, इसलिए वह कोई दर्द महसूस नहीं करता है। हमारा दिमाग 75% से ज्यादा पानी से बना होता है। मनुष्य दिमाग 5 साल की उम्र तक 95% बढ़ता है, और 18 तक पहुँचते-पहुँचते 100% विकसित हो जाता है और उसके बाद बढ़ना रूक जाता है। सर्जरी से हमारा आधा दिमाग हटाया जा सकता है, और इससे हमारी यादों पर भी कुछ असर नहीं पडेगा। आप अपने दिमाग में न्युरॉनज की गिणती दिमागी क्रियाएं करके बढ़ा सकते हैं। क्योंकि शरीर के जिस भी भाग का हम ज्यादा उपयोग करते हैं वह और विकसित होता जाता है। पढ़ने और बोलने से बच्चों का दिमागी विकास ज्यादा होता है।
जब आप एक आदमी का चेहरा गौर से देखते हैं, तो आप अपने दिमाग का दायां भाग उपयोग करते है। हमारे शरीर के भिन्न हिस्सों से सूचना भिन्न रफतार से और भिन्न न्युरॉन के द्वारा हमारे दिमाग तक पहुँचती हैं। सारे न्युरॉन एक जैसे नहीं होते। कई न्युरॉन ऐसे होते हैं, जो सूचना को 0.5 मीटर प्रति सैकेंड की रफतार से दिमाग तक पहुँचाते हैं, और कई ऐसे भी होते हैं जो सूचना को 120 मीटर प्रति सैकेंड की रफतार से दिमाग तक पहुँचाते हैं। जो बच्चे पाँच साल का होने से पहले दो भाषाएँ सीखते हैं, उनके दिमाग की संरचना थोड़ी सी बदल जाती है। दिमाग में हर दिन औसतन 60,000 विचार आते हैं। अकसर ऐसा कहा जाता है कि हम दिन में 20,000 बार पल्क झपकते हैं और इसके कारण हम दिन में 30 मिनट तक अंधे रहते हैं। लेकिन यह सच नहीं है। असल में हम दिन में 20,000 बार पलक जरूर झपकते हैं पर 30 मिनट तक अंधे नहीं रहते। क्योंकि हमारा दिमाग इतने कम समय में वस्तु का चित्र अपने आप बनाए रखता है। हमारे पलक झपकने का समय 1 सैकेंड के 16वें हिस्से से कम होता है पर दिमाग किसी भी वस्तु का चित्र सैकेंड के 16वें तक बनाए रख सकता है। शेष जानकारी अगले अंक में..
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