बाल कल्याण समिति अध्यक्ष बोले, जिला अस्पताल स्टाफ ने इलाज में बरती कोताही
- कार्यप्रणाली में सुधार न करने पर मुख्यमंत्री को शिकायत करने की दी चेतावनी
हनुमानगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। एक मंदबुद्धि बालिका जिसके सिर पर माता-पिता का साया नहीं है, उसके सिर में कुछ दिन पहले लगी चोट में कीड़े पड़ने के बावजूद इलाज करने में जिला अस्पताल स्टाफ की ओर से आनाकानी करने का मामला सामने आया है। शनिवार को यह मामला संज्ञान में आने पर बाल कल्याण समिति ने दखल दिया तो बालिका का जिला अस्पताल में इलाज शुरू हो पाया। वह भी कई प्रयासों के बाद। इस दौरान अस्पताल स्टाफ बालिका को हायर सेंटर बीकानेर रेफर कर अपनी जिम्मेवारी से भागने का प्रयास करता भी नजर आया। लेकिन बाल कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री को शिकायत करने की चेतावनी दी तो बालिका का जिला अस्पताल में इलाज शुरू हो पाया। इसके साथ ही समिति की ओर से बालिका के बेहतर इलाज के लिए सूरतगढ़ के एक ट्रस्ट से सम्पर्क किया गया है।
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बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जितेन्द्र गोयल ने बताया कि शनिवार को सुबह समिति के संज्ञान में आया कि करीब पन्द्रह वर्षीय एक मंदबुद्धि बालिका जिसके सिर में चोट लगी हुई है। किसी को कुछ बता न पाने के कारण चोट कई दिन पुरानी होने के चलते चोट वाली जगह पर कीड़े पड़ गए हैं। बालिका की स्थिति काफी खराब है। वह बालिका टाउन के राजकीय जिला चिकित्सालय के ट्रोमा सेंटर में घूम रही थी जो वहां से अन्यत्र चली गई है। यह मामला संज्ञान में आने पर टाउन थाना की कार्यवाहक प्रभारी एसआई शालू बिश्नोई को अवगत करवाया गया। एसआई शालू बिश्नोई ने थाना स्टाफ को भेजकर टिब्बी रोड पर घूम रही उक्त बालिका को राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया। गोयल के अनुसार अस्पताल स्टाफ का कहना था कि वे उक्त बालिका का इलाज कर रहे थे। लेकिन इलाज के बीच में ही बालिका बिना बताए अस्पताल से भाग गई। गोयल के अनुसार असल में ऐसा नहीं था।
इस मामले में अस्पताल स्टाफ की कोताही सामने आई है। गोयल ने बताया कि इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा को अवगत करवाया। पीएमओ डॉ. मुकेश कुमार से बात की। उसके बावजूद भी बड़ी मुश्किल से बालिका का इलाज हुआ। अस्पताल स्टाफ ने तो यहां तक कह दिया कि पुलिस जाप्ता मिलेगा तभी इलाज किया जाएगा। साथ ही बीकानेर रेफर करने की बात कही। गोयल ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जिस बालिका का इस दुनिया कोई नहीं है, उसके साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। अगर बच्चों के मामलों में जिला अस्पताल प्रबंधन लापरवाही बरतेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसकी मुख्यमंत्री तक शिकायत की जाएगी। वहीं बाल कल्याण समिति सदस्य प्रेमचन्द शर्मा ने बताया कि सूरतगढ़ के हर प्रभ आसरा चैरीटेबल ट्रस्ट के संचालकों से बात हुई है। उन्होंने इस तरह के मरीजों का इलाज अपने यहां करने की बात कही है। आगामी दिनों में बेहतर इलाज के लिए बालिका को सूरतगढ़ भेजा जाएगा। फिलहाल बालिका का प्राथमिक उपचार जिला अस्पताल में करवाया जा रहा है। इस मौके पर बाल कल्याण समिति सदस्य अनुराधा सहारण व विजयसिंह चौहान के अलावा टाउन पुलिस थाना का स्टाफ भी मौजूद रहा।
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