Sirsa, चौपटा (भगत सिंह)। चीन के हांगझू पैरा एशियाई खेलों में 1500 मीटर दौड़ में देश को रजत पदक दिलाने वाले नाथूसरी चौपटा खंड के नहराना निवासी पैरा एथलीट प्रमोद बिजारणियां का चौपटा में पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक संस्थाओं के गणमान्य व्यक्तियों ने खिलाड़ी का सम्मान किया। इसी के साथ गांव नहराना में पहुंचने पर गांव के बेटे की जीत कर पहुंचने पर ग्रामीणों व शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है। वहीं पैरा एशियन खेल में शामिल होने के लिए प्रमोद बिजारणियां ने हिसार में रहकर कड़ी तैयारी की थी। जिसके बाद उसे आखिरकार सफलता मिली।
मुझे बहुत खुशी मिल रही है | Sirsa
कोच राजेश कुमार ने कहा कि प्रमोद कुमार में काफी जज्बा था, उसके जज्बे को सलाम करते हैं, मुझे आज बहुत ही खुशी मिल रही है। खिलाड़ी प्रमोद कुमार के पिता राममुॢत बिजारणिया, माता भरता देवी, मौसी सरोज, ताई बिमला, बुडा गुड्डी, संतोष, इंद्रा मौजूद रही। इस अवसर पर तहसीलदार अरविंद यादव, डा. वेद बैनीवाल, दड़बा कलां की सरपंच संतोष बैनीवाल, नाथूसरी कलां की सरपंच रीटा कासनिया, सरपंच संदीप गिगोरानी, सुभाष माखोसरानी, सरपंच प्रतिनिधि मांगेराम, सत्या प्रकाश, डा. इंद्र सिंह जागड़ा, दिनेश जागड़ा, विशेष अतिथि सुनील ढूकड़ा, विकास कालेरा, विनोद माचरा मौजूद रहे। Sirsa
दस वर्ष पहले हादसे में खो दिया था हाथ | Sirsa
आपको बता दें कि प्रमोद बिजारणियां का एक हादसे में हाथ कटने के बाद स्वजन काफी मायूस हो गए थे। प्रमोद के चचेरे बड़े भाई विनोद ने बताया कि 2010 में प्रमोद जब दसवीं की पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान एक दिन प्रमोद घर में हरा चारे की कटाई में सहयोग कर रहा था। इसी दौरान उसका हाथ चारा कटाई की मशीन में आ गया। जिस पर उसके स्वजन उसे उपचार के लिए चिकित्सक के पास ले गए। गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने प्रमोद के हाथ को काटकर उसकी जान बचाई। बेटे के दिव्यांग होने पर माता-पिता मायूस हो गए। परंतु प्रमोद ने होंसला नहीं छोड़ा। प्रमोद ने अपने माता-पिता को सांत्वना देते हुए कहा कि आप चिंता मत करों, मैं जरूर कामयाब होकर दिखाउंगा। उसके बाद प्रमोद ने खुद को कामयाब करने के लिए प्रयास करने शुरू कर दिए।
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नेशनल गेम्स में तीन बार गोल्ड जीत चुका है प्रमोद
अपनी सफलता के लिए प्रमोद ने खेलों का रास्ता चुना। खेल के साथ-साथ प्रमोद ने पढ़ाई भी जारी रखी और 12वीं व बीए की पढ़ाई पूरी की। बता दें कि प्रमोद पहले गांव से खेल की तैयारी के लिए सिरसा स्थित बलिदानी भगत सिंह स्टेडियम में तैयारी के लिए पहुंचता और अपना पसीना बहाता।
कोरोना काल के बाद पहली बार 2021 के दौरान बेंगलौर में आयोजित 19वें राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए उसका चयन हुआ। प्रमोद ने पहली बार में ही 800 मीटर की रेस में एथलीट के तौर पर स्वर्ण पदक हासिल किया। जबकि 1500 मीटर प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त किया। इसके बाद लगातार तीन बार नेशनल खेलों में प्रमोद ने गोल्ड मेडल हासिल कर क्षेत्र का नाम रोशन किया। प्रमोद के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उनका चयन चीन के हांगझू में आयोजित होने वाली पैरा एशियन गेम्स के लिए हुआ।
ये हैं प्रमोद बिजारणियां की उपलब्धियां
- 19वीं राष्ट्रीय पैरा एथलीट चैंपियनशिप बैंगलोर 2021
- 800 मीटर रेस – गोल्ड मेडल
- 1500 मीटर रेस – कांस्य मेडल
20वीं राष्ट्रीय पैरा एथलीट चैंपियनशिप भुवनेश्वर 2022
- 1500 मीटर रेस – गोल्ड मेडल
- 14वीं फजा इंटरनेशनल चैपिंयनशिप दुबई 2023
चौथा स्थान - पांचवीं इंडियन ओपन पैरा एथलेटिक्स इंटरनेश्नल चैंपियनशिप बेंगलौर 2023
1500 मीटर रेस – गोल्ड मेडल - 21वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 पुणे, महाराष्ट्र
1500 मीटर रेस – सिल्वर मेडल