पांच जने घायल, तीन की हालत गंभीर, दो को प्राथमिक उपचार के बाद दी अस्पताल से छुट्टी
हनुमानगढ़। टाउन स्थित भटनेर दुर्ग में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान सोमवार सुबह एक दीवार अचानक भरभराकर गिर गई। मलबे के नीचे दबने से एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पांच मजदूर घायल हो गए। दुर्ग में मौजूद लोगों ने इसकी सूचना एम्बुलेंस 108 और पुलिस को दी। मजदूरों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। घायल व मृतक सभी मजदूर टाउन के वार्ड 46 के निवासी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संगठन की ओर से किले में निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों ने ठेकेदार पर लापरवाही के आरोप लगाए। उनका कहना था कि बिना सुरक्षा उपकरणों के मजदूरों से कार्य करवाया जा रहा था। जानकारी के अनुसार भटनेर दुर्ग में कई दिनों से मरम्मत का काम चल रहा है।
सोमवार सुबह दुर्ग के अन्दर बालाजी मंदिर के पास की दीवार को तोड़ा जा रहा था ताकि नई बनाई जा सके। इस दौरान अचानक दीवार मजदूरों के ऊपर आ गिरी। मौके पर काम कर रहे 6 मजदूर मलबे तले दब गए। थोड़ी दूर अन्य दीवार पर काम कर रहे मजदूर आवाज सुनकर वहां पहुंचे और शोर मचाते हुए आसपास के लोगों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद दुर्ग में आए अन्य लोगों की मदद से मलबे तले दबे मजदूरों को बाहर निकाल कर 108 एम्बुलेंस के जरिए सूचना जिला चिकित्सालय पहुंचाया। वहां टाउन के वार्ड 46, दशमेश नगर निवासी राजेंद्र दास (60) पुत्र कपिल दास को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया तथा तीन मजदूरों के अधिक चोटें आने पर उन्हें भर्ती किया गया।
जबकि 2 मजदूरों को मामूली चोटें आने पर मरहम पट्टी कर छुट्टी दे दी गई। हादसे के बाद मौके पर मौजूद आसपास के नागरिकों ने आरोप लगाया कि भटनेर दुर्ग में बिना सुरक्षा उपकरण के निर्माण कार्य चल रहा है। उन्होंने मृतक व घायलों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की। उधर, हादसे के बाद भटनेर दुर्ग में मरम्मत कार्य को रोक दिया गया तथा दुर्ग के अन्दर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है। यह हादसा सुबह करीब साढ़े आठ बजे हुआ। दोनों गंभीर घायलों के सिर में चोट बताई जा रही है।
कलक्टर-एसपी ने घटनास्थल का लिया जायजा
हादसे के बाद जिला प्रशासन, पुलिस तथा चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने घटना स्थल व अस्पताल का दौरा किया। जिला कलक्टर नथमल डिडेल और जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयसिंह राठौड़ भी भटनेर दुर्ग पहुंचे व घटनास्थल का जायजा लिया। इससे पहले उन्होंने जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों की कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए जिला कलक्टर ने बताया कि सुरक्षा के दृष्टिगत एकबारगी पर्यटकों का किले में प्रवेश बंद कर दिया गया है। ठेकेदार की ओर से निर्माण स्थल पर सुरक्षा के उपाय किए गए या नहीं, इसकी जांच करवाई जा रही है। जब तक हादसे के कारणों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होती तब तक ठेकेदार का भुगतान नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। भविष्य में निर्माण कार्य सही तरीके से हो, बैठक कर इसकी कार्ययोजना बनाई जाएगी।
इससे पहले भटनेर दुर्ग के चारों तरफ की दीवारों का सर्वे करवाया जाएगा। तकनीकी टीम की रिपोर्ट के आधार पर आगामी कदम उठाया जाएगा। जिला कलक्टर डिडेल ने बताया कि घायल अधिकतर मजदूर मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में पंजीकृत हैं। मृतक को चिरंजीवी योजना के तहत गेहूं भी मिल रहा था। रजिस्ट्रेशन होने पर मृतक के परिवार को राज्य सरकार की ओर से पांच लाख रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। गंभीर घायल दोनों व्यक्तियों को तीन-तीन लाख रुपए व अन्य तीन घायलों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा। इस दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व नगर परिषद के अधिकारी भी मौजूद रहे।
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