उत्तर प्रदेश कांग्रेस में भी विरोध के स्वर तेज हुये

Congress Protests

लखनऊ। कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और कार्यकारिणी की बैठक बुलाने की चौदह वरिष्ठ नेताओं की अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र की आंच उत्तर प्रदेश भी पहुंच गई है और राज्य में भी ऐसे नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की माग उठने लगी है । उत्तर प्रदेश में पिछले 31 साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस अपनी जड़े मजबूत करने का पूरा प्रयास कर रही है और पार्टी की महासचिव तथा राज्य के मामले की प्रभारी प्रियंका गगांधी वाड्रा इसके लिये पूरी मेहनत कर रही हैं । वो उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार को हर मामले में घेरने का कोई मौका नहीं जाने देती ।

लेकिन वरिष्ठ नेताओं के पार्टी अध्यक्ष को लिखे पत्र के बाद उत्तर प्रदेश में भी पार्टी दो खेमों के बंटी नजर आ रही है ।राज्य में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक खेमा है जो संगठन को मजबूत करने की बात कर रहा है तो दूसरे खेमे से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है । कार्रवाई की मांग करने वालों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को अपने निशाने पर रखा है । प्रदेश के एक पूर्व पदाधिकारी ने कल सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल जितिन प्रसाद के ब्राहम्ण होने पर ही सवाल उठा दिया ।

सोशल मीडिया पर किये पोस्ट में कहा गया कि उत्तर प्रदेश में ब्राहम्ण का मतलब तिवारी,मिश्रा,पांडेय ,शुक्ला आदि होते हैं और उनकी रिश्तेदारी भी ब्राहम्णों में होती है । हालांकि पार्टी में ही इस नेता को विरोध झेलना पड़ा । पूर्व विधान परिषद सदस्य नसीब पठान ने वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद पर निशाना साधा और उन्हें मौका परस्त बताते हुये पार्टी से निकालने की मांग की । जितिन प्रसाद ब्राहम्णों को कांग्रेस से जोड़ने की मुहिम में लगे हैं।

 

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