50 वर्ष से कायाकल्प की बाट जोह रहा था स्कूल | Bulandshahar News
- इंटरमीडिएट तक की शिक्षा सुविधा है लक्ष्य : चौधरी ऋषिपाल सिंह
बुलन्दशहर/स्याना (सच कहूँ न्यूज)। 50 वर्ष से भी अधिक पुराने स्याना स्थित विवेकानंद स्कूल (Vivekanand School) में आधुनिकता की बयार आ गई है। 5 दशक से सुविधाओं की तलाश में बाट जोह रहे विवेकानंद स्कूल को अब जाकर समय के अनुरूप माहौल प्राप्त हुआ है। नगर स्थित नगरपालिका द्वारा संचालित विवेकानंद बाल विद्या जूनियर हाईस्कूल जोकि 5 दशक से भी अधिक समय से संस्था स्थापित है, उसके कायाकल्प हेतु साल 2012 से 2017 तक नगरपालिका की अध्यक्ष रहीं श्रीमती गुड़िया देवी ने नई बिल्डिंग निर्माण शुरू कराया। Bulandshahar News
लेकिन इस बीच कार्यकाल पूरा होने के बाद बोर्ड की लगाम उनके हाथ से छूट गई, जिस पर स्कूल में भी कार्य रुक गए। तब के बाद 5 वर्ष तक स्कूल अपने कायाकल्प की बाट जोहता रहा। तत्कालीन ईओ राजीव कुमार के स्थानांतरण के बाद ईओ सेवाराम राजभर ने नगरपालिका की कमान संभाली और नगर स्थित विवेकानंद स्कूल के कायाकल्प का बीड़ा उठाया। इस बीच नगरपालिका के नव बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में पूर्व अध्यक्ष श्रीमती गुड़िया देवी के परिवार से ही चौधरी ऋषिपाल सिंह बोर्ड के अध्यक्ष पद पर आसीन हुए, उन्होंने भी प्रथम बोर्ड बैठक में विवेकानंद स्कूल के कायाकल्प हेतु शेष रह रहे कार्यों को शुरू कराए जाने का विचार रखा।
अधिशासी अधिकारी सेवाराम राजभर ने बताया कि वे स्वयं भी अपने कार्यकाल के दौरान शिक्षण संस्थाओं को दुरुस्त करने के कार्य में रुचि रखते रहे हैं तथा स्याना में भी विवेकानंद स्कूल को आधुनिक बनाए जाने के लिए उन्होंने अपने रुचि प्रकट की। बोर्ड सभासदों के साथ सर्वसम्मति बनने पर तथा जिलाधिकारी सीपी सिंह द्वारा भी हरी झंडी दिए जाने के बाद एडीएम फाइनेंस डॉ प्रशांत कुमार भारती के निर्देशन में विवेकानंद स्कूल के कायाकल्प का कार्य जोर-जोर से प्रारंभ हो गया। ईओ सेवाराम राजभर ने स्कूल में सिलाई मशीन, आवश्यक पुस्तकें के साथ-साथ आधुनिक वाई-फाई सज्जित लाइब्रेरी की स्थापना भी सभी के सहयोग से कराई। Bulandshahar News
अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने कायाकल्प कार्यक्रम में गहरी रुचि लेते हुए कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। ईओ सेवाराम राजभर ने बताया कि एडीएम (फाइनेंस) डॉ प्रशांत कुमार भारती द्वारा भी स्कूल में आर्थिक सहयोग करते हुए स्कूल में सुविधाओं को सुचारू रखने को कहते हुए अपेक्षित सहयोग किया। पूर्व में तहसील पर तैनात रहीं एसडीएम मधुमिता सिंह भी स्कूल कार्यों हेतु आर्थिक सहयोग अपने वेतन से करती रहीं। मौजूदा हाल में विवेकानंद स्कूल आधुनिक स्कूलों की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है। स्कूल में 330 बच्चे निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। नगरपालिका परिषद के स्टाफ का भी सहयोग उल्लेखनीय है। ईओ सेवाराम राजभर स्वयं अपनी सैलरी में से 2 दिन की सैलरी स्कूल कार्यों में समर्पित करते हैं।
उन्हीं का अनुसरण करते हुए स्टाफ के वरिष्ठ लिपिक लतेश कुमार, सुरभि गुप्ता, श्रीराम सहित नगरपालिका के कई कर्मचारी भी अपनी तनख्वाह से 2 दिन की सैलरी स्कूल कार्य में प्रदान कर सहयोग प्रदान करते हैं। इसी तरह स्कूल में प्रधानाचार्य के रूप में नियुक्त सुशील कुमार त्यागी ने भी अपने वेतन से प्रतिमाह कुछ न कुछ सहयोग करते रहते हैं। उन्होंने पूर्व में भी 2 पंखे स्कूल में लगवाए। उन्हीं से प्रेरणा पाकर स्कूल अध्यापक-अध्यापिकाओं ने भी कोरोना काल की मार के बाद बहुत कम मानदेय पर भी शिक्षण कार्य जारी रखा। नगर की वार्ड सभासद सरिता आर्य को बोर्ड मीटिंग से मदद में मिलने वाला भत्ता स्कूल कार्यों में सहयोग के लिए प्रदान कर रही हैं।
नगर की समाजसेवी रीता आर्य ने बालिकाओं को सिलाई शिक्षा हेतु 2 सिलाई मशीनें अपनी सामाजिक संस्था उन्नति महिला सेवा समिति की तरफ से प्रदान की। नगर स्थित आनंद डेयरी के प्रबंधक हरीश मित्तल ने आनंदा डेयरी की तरफ से एक कंप्यूटर व पांच कुर्सी स्कूल को प्रदान कीं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शिक्षण संस्थानों से संबंधित शिक्षा विभाग अभी विवेकानंद स्कूल को अपेक्षित सुविधा देने में पीछे चल रहा है हालांकि स्कूल का कायाकल्प प्रगति पथ पर अग्रसर है। नगर पालिका अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने कहा कि विवेकानंद स्कूल को इंटरमीडिएट तक की शिक्षा प्रदान करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने में अपेक्षित सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने स्कूल में स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध होने पर हर्ष व्यक्त किया कहा कि शिक्षार्थियों को किसी भी तरह से दिक्कतें नहीं आने दी जाएगी।
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