नई दिल्ली। छात्रों के लिए वीजा लेने के नियमों को आसान बनाने की प्रतिबद्धता के एक हिस्से के तहत, यूनाइटेड किंगडम वीजा एंड इमिग्रेशन (यूकेवीआई) ने वीजा नियमों को लचीला बनाया है। इसमें पूरे वीजा सिस्टम में जगह-जगह स्वाबस्य्रत को लेकर एहतियाती उपाय बरतने के निर्देश दिए गए है। यूकेवीआई ने वीएफएस ग्लोबल के साथ मिलकर बाहर से ब्रिटेन में पढ़ने आ वाले छात्रों के लिए एक सुविधाजनक और सुरक्षित माहौल सुनिश्चित किया है। वीएफएस ग्लोबल ने अपने उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए स्वच्छ माहौल सुनिश्चित करने के लिए सभी यूके वीजा एप्लिकेशन सेंटर पर मानकों पर खरे उतरने वाले सुरक्षा उपायों की व्यवस्था की है और इसका पालन सुनिश्चित किया है। स्वास्थ्य संबंधी एहतियाती उपाय का पालन ठीक ढंग से किया गया है, यह देखने के लिए सेंटर में एक अनिवार्य अपॉइंटमेंट सिस्टम को लगाया गया है। इसके अलावा एंट्रेंस पर सभी उपभोक्ताओं का बॉडी टेंपरेंचर चेक किया जाता है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जाता है। इसके अलावा स्टाफ भी वायरस से बचाव के लिए कई तरह के प्रतिरोधात्मक उपाय, जैसे बहुत से लोगों के संपर्क में आने वाली सतह को बार-बार साफ किया जाना, बॉडी टेंपरेचर की जांच, हैंड सेनिटाइजर्स का इस्तेमाल और नियमित रूप से हाथों की सफाई आदि शामिल है। यूके वीजा एप्लिकेशन सेंटर छह जुलाई से भारत के 11 शहरों में चरणबद्ध ढंग से फिर खोले गए हैं। जिन 11 शहरों में ये सेंटर खोले गए हैं, उनमें अहमदाबाद, बेंगलुरु (सिर्फ ग्लोबल टेक पार्क), चंडीगढ़, चेन्नई, जालंधर, कोच्चि, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई (सिर्फ महालक्ष्मी), नई दिल्ली ( सिर्फ शिवाजी मेट्रो स्टेडियम) और पुणे शामिल है। यूके वीजा एप्लिकेशन सेंटर को टियर 4 के आवेदन मिल रहे हैं। लॉकडाउन के स्थानीय नियमों के पालन करते हुए इन सभी जगहों पर कार्यालयों को खोला गया है।
इस समय लागू यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने के लिए यूकेवीआई ने ब्रिटेन में पढ़ने आने वाले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए तब (टियर 4) वीजा के लिए आवेदन करने की इजाजत दी है, जब वह ब्रिटेन की यात्रा करने करने के लिए तैयार हों। इसका मतलब यह है कि जिन छात्रों को ऑनलाइन एडमिशन मिल गया है, वह अपने कोर्स ऑनलाइन शुरू कर सकते हैं। और जब वह इसके लिए तैयार हों तह वह यूके स्टडी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। नई ग्रेजुएट इमिग्रेशन रूट प़ॉलिसी 2021 की गर्मियों से छात्रों को ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री के बाद ब्रिटेन में रहने, वहां काम करने, वहां काम की तलाश करने और ब्रिटेन में दो साल से ज्यादा काम करने (पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए तीन साल) का अनुभव लेने की इजाजत देती है। जिन छात्रों ने अपना ओवरसीज कोर्स ऑनलाइन शुरू कर दिया है, उन्हें एडजस्ट करने के लिए इस पॉलिसी में बदलाव किया गया है। ये छात्र ग्रेजुएट रूट के लिए आवेदन करने के हकदार होंगे।
इसके लिए शर्त सिर्फ यह है कि वह छह अप्रैल 2021 तक ब्रिटेन में हो और वह अपनी पढ़ाई का फाइनल सेमेस्टर ब्रिटेन में पूरा करें। ग्रेजुएट इमिग्रेशन रूट पॉलिसी की घोषणा सितंबर 2019 में भारत के प्रतिभावान इंटरनेशनल ग्रेजुएट्स को अपने देश में पढ़ाई करने और उन्हें वहां काम करने में सक्षम बनाने में ब्रिटेन की मदद के लिए की गई थी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ये ग्रेजुएट्स हाई स्किल्ड की जॉब हासिल कर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के विकास में अपना योगदान देंगे।
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