बेजुबानों का सहारा बना विरेंद्र सिंह इन्सां, बांट रहा दर्द

Virendra Singh Inner, the brotherhood support

पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं का असर

  •  40 से अधिक आवारा पशुओं का कर चुका है अपने खर्चे उपचार

सच कहूँ/अनिल गोरीवाला। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसानों की मदद के लिए तो हमेशा हजारों हाथ खड़े हो जाते हैं। लेकिन बेजुबान जानवरों की मदद के लिए बहुत कम लोग सामने आते हैं। मगर डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से डेरा अनुयायी हर समय बेजुबानों की पीड़ा दूर करने के लिए तत्पर रहते हैं।

ऐसे ही एक शख्स है डबवाली उपमंडल के गांव रामपुरा बिश्नोईयां निवासी ‘विरेन्द्र सिंह इन्सां’। जोकि आवारा घूमने वाले जानवरों के इलाज को अपना जुनून बना बैठा है तथा उनकी हर दुख-तकलीफ को अपना समझता है। विरेन्द्र सिंह इन्सां अब तक तकरीबन 40 से अधिक आवारा पशुओं का अपने खुद के खर्चे पर इलाज कर चुका हैै। आवारा पशुओं के लिए वह किसी मसीहा से कम नहीं है। अब गांव व आस-पास के गांवों के लोग विरेन्द्र सिंह इन्सां को गऊ रक्षक के नाम से पुकारने लगे हंै। शायद ही गांव में कोई ऐसा शख्स होगा जो उनको नहीं जानता होगा।

विरेन्द्र सिंह इन्सां ने बताया कि उसे जीवन में बहुत दु:ख व पीड़ाओं का सामना करना पड़ा और उसे इंसानों से प्यार नहीं, बल्कि नफरत का सामना करना पड़ा। यहीं वजह रही कि उसे बेजुबानों की पीड़ा से प्यार हो गया और उन्हीं के लिए अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं।

  • 5 साल से जुटा है बेजुबानों के इलाज में

दसवीं तक पढ़े विरेन्द्र सिंह इन्सां करीब 5 साल से बेजुबानों का दर्द बांट रहा है। उसे जैसे ही गांव व आस-पास किसी पशु-पक्षी के घायल होने की सूचना मिलती है तो वह उसी तरह दौड़ा चला आता है। जैसे कहीं उसके किसी बच्चे या परिवार के सदस्य को कोई चोट या नुकसान हुआ है। बेजुबानों की रक्षा करने में विरेंद्र सिंह इन्सां क्षणभर की भी देरी नहीं करता। बेजुबानों को दिन-रात, सुबह- शाम, उठते-बैठते प्यार, दुलार और वात्सल्य देना ही अब उनकी दिनचर्या बन चुकी है। बेजुबानों के प्रति उसके प्रेम-भाव को देखते हुए ग्रामीणों ने गांव में नई बनी गौशाला में उसको गऊ रक्षक की ड्यूटी सौंपी है।

विरेन्द्र इन्सां बीमार और जख्मी जानवरों के लिए मरहम पट्टी की व्यवस्था करते हैं। क्षेत्र के अंदर जहां कहीं भी बेजुबान किसी भी असहाय विकट परिस्थिति की खबर मिलने पर बिरेंद्र इन्सां वाहन ले जाकर अलग-अलग जगहों से बीमार लावारिस आवारा पशुओं को लाने व उपचार से गुरेज नहीं करता। अभी तक 40 बेजुबानों का उपचार कर चुके वीरेन्द्र सिंह इन्सां हाल ही में आवारा कुत्तों द्वारा प्रताड़ित गाय के बच्चे व एक्सीडैंट में घायल बैल का उपचार कर रहे हैं।

 

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