डेरा प्रेमियों की आड़ में अज्ञात लोग कर गए हिंसा

चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। 25 अगस्त को पंचकूला में हुर्इं हिंसा की बातें अब छन-छन कर सामने आने लगी हैं। जिन लोगों ने उस दिन बड़े स्तर पर हिंसा फैलाई वह डेरा प्रेमी न होकर असामाजिक तत्व थे, जो शांतिमय माहौल को खराब करने के लिए विशेष तौर पर वहां भीड़ में शामिल थे। उनमें कईयों ने अपने मुंह ढांप रखे थे।

यह रहस्योद्घाटन डेरा प्रेमियों ने सच कहूँ से बातचीत करते हुए किया। उन्होंने बताया कि हमने उस दिन साध-संगत में घूम-घूम कर संदिग्ध व्यक्तियों के बारे में पता लगाया और चौ. देवी लाल ग्राउंड में अनाउंसमेंट करवाई कि डेरा प्रेमी किसी के बहकावे में नहीं आएं एवं पूज्य गुरु जी की शिक्षा अनुसार शांतिपूर्वक बैठे रहें। डेरा प्रेमियों ने यह भी बताया कि साध-संगत ने अनाउंसमेंट को ध्यान से सुना और मालिक की शब्दवाणी में अपने आप को मशगूल रखा, जिनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग एवं बच्चे पहुंचे हुए थे, जिनका एकमात्र उद्देश्य उस दिन पूज्य गुरु जी के दर्शन करना था।

डेरा प्रेमियों ने आगे बात करते हुए कहा कि जैसे ही अदालत ने अपना निर्णय सुनाया तो असामाजिक तत्वों ने एकदम से तोड़फोड़ शुरू कर दी और शांतमयी बैठी साध-संगत को प्रशासन की बर्बर कार्रवाई का शिकार होना पड़ा, जिसकी बदौलत यहां 30 से अधिक डेरा अनुयायियों की जानें चली गई एवं सैकड़ों घायल हो गए। इन डेरा प्रेमियों ने स्पष्ट किया कि तोड़फोड़ करने वाले असामाजिक तत्वों ने मीडिया पर भी हमला किया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की ईमानदारी से जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए एवं साध-संगत को इन्साफ दिलाया जाए। भारी संख्या में पहुंचे डेरा प्रेमियों ने कहा कि पूज्य गुरु जी पूरी तरह से पवित्र हैं और एक दिन सच्चाई सभी के सामने आएगी।

स्वार्थी लोगों ने अपने आप तोड़े अपने वाहन

25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा में कई लोगों ने अपने वाहन खुद ही तोड़ डाले, जिन्हें डेरा प्रेमियों ने यह कहते हुए सुना कि सरकार हिंसा का मुआवजा तो देगी ही देगी और इश्यारेंस कंपनियों से भी फ्री में पैसे मिलेंगे, अत: मौका है कि आज अपने पुराने व्हीकल से छुटकारा पा लें। ऐसे लोगों ने मीडिया कर्मियों को बुला-बुलाकर अपने टूटे वाहनों की कवरेज के भी भरसक प्रयास किए जबकि उन्होंने स्वार्थवश अपने वाहनों को तोड़ा एवं जलाया।