कैराना (सच कहूँ न्यूज)। यमुना खादर के मंडावर और नंगलाराई खनन प्वाइंट से चलने वाले रेत के वाहनों (Sand Vehicles) के खिलाफ कई गांवों के ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। ग्रामीणों ने गांव की सड़क से होकर गुजरने वाले रेत के वाहनों को रोक दिया। कहा कि ग्रामीण धूल-मिट्टी के कारण बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने गांव से गुजरने वाले रेत के वाहनों पर रोक लगाने की मांग की है। (Kairana News)
शनिवार (Saturday) को खादर क्षेत्र के गांव मलकपुर, इस्सापुर खुरगान, मंडावर व अकबरपुर सुनहेटी आदि गांवों के ग्रामीणों में मलकपुर से गुजरने वाले रेत के वाहनों के खिलाफ आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों ने भारतीय किसान मजदूर संगठन के मंडल महासचिव अकरम चौहान के नेतृत्व में एकत्र होकर गांव के मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया। उन्होंने यमुना की ओर से आने वाले रेत के वाहनों को रोक दिया और रेत के वाहनों के विरोध में प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि खनन ठेकेदार की ओर से सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं कराया जाता है, जिस कारण धूल-मिट्टी का गुबार सांसों का दुश्मन बना हुआ है। लोग बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। (Kairana News)
कुछ लोग बीमारी के कारण मौत के गाल में भी समा चुके हैं।ग्रामीणों का आरोप है कि मंडावर और नंगलाराई खनन स्थल से रेत के ओवरलोड वाहन बेरोकटोक दौड़ते हैं, जो गांव से होकर गुजरते हैं। इन वाहनों के कारण बड़े हादसे की भी आशंका बनी रहती है, क्योंकि मासूम बच्चे भी सड़क से गुजरते हैं, जिन्हें वाहनों का कोई ज्ञान नहीं होता है और वे कभी भी रेत के वाहनों की चपेट में आ सकते हैं। यही नहीं, रेत के ओवरलोड वाहनों के कारण सड़क में गड्ढों की भरमार है। सड़क धंस रही है, जिस कारण राहगीर भी हादसों में घायल हो रहे हैं। घंटों तक ग्रामीणों ने मार्ग पर जाम लगाकर रखा, जिसके चलते खनन ठेकेदार में हड़कंप मच गया।
मामले की सूचना अधिकारियों तक पहुंच गई। इसके बाद एसडीएम निकिता शर्मा मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से वार्ता करते हुए उनकी समस्या जानी। ग्रामीणों ने गांव से गुजरने वाले रेत के वाहनों पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें किसी दूसरे मार्ग से निकलवाए जाने की मांग की है। एसडीएम के आश्वासन पर ग्रामीण मार्ग से हट गए, जिसके बाद सड़क पर आवागमन शुरू हो गया। इस दौरान फारूख, मुस्तकीम, तैय्यब, अमजद, इमदादुल्ला, तस्व्वुर, मोहित आदि मौजूद रहे।
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