जलभराव की समस्या सबसे बड़ी, स्वच्छता की धज्जियां उड़ाते हैं गंदगी के लगे ढ़ेर
सच कहूँ/तरसेम सिंह
जाखल। हरियाणा खट्टर सरकार गांव को भी शहरों जैसी मूलभूत सुविधाओं देने के लिए वचनबद्ध है। सभी गांवों में जहां अनेकों विकास कार्य हुए वही फतेहाबाद जिला के अंतिम छोर पर घग्गर नदी के किनारे बसे लहरा थेह गांव में भले ही जनप्रतिनिधि विकास का दावा करते हों, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। बरसात होने पर गांव की सड़क दलदल बन जाती है। ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। गांव में जगह-जगह गंदगी का अंबार है। गांव के मुख्य मार्ग की स्थिति खराब है। इस मार्ग पर ग्रामीण पैदल भी नहीं निकल पाते हैं।
बरसात होने से तो गांव में जलभराव की स्थिति बन जाती है पर इस गांव में 12 महीने 30 दिन गांव की गलियों में जलभराव की स्थिति बनी रहती है। रतनगढ़ डिस्ट्रीब्यूटर को जाने वाला मार्ग पर खड़ा गंदगी युक्त पानी । इसके अलावा शकरपुरा गांव से आने वाली मुख्य गली में भी नालियों की सफाई न होने से गंदगी से अटी पड़ी रहती है।
विकास के लिए आए बजट का नहीं हुआ सही इस्तेमाल
लहरा थेह से डॉ. दरवारा सिंह ने बताया कि गांव के कुछ मौजूद व्यक्तियों के अथक प्रयास से हालांकि इस बार इस गांव की अलग से पंचायत बनने जा रही है। जिसकी घोषणा पहले ही कि जा चुकी है। इस से पहल यह शक्कपुरा पंचायत के अधीन था। उन्होंने बताया इस गांव में लगभग 2000 की आबादी है वही 520 वोटर हैं। जो अपने वोट का इस्तेमाल गांव में विकास करवाने के लिए करते आ रहे हैं लेकिन यहां प्रशासन की लापरवाही और मिलीभगत से जितना पैसा आया उसका सही इस्तेमाल नहीं किया गया। पिछले 5 वर्ष कार्यकाल में सिर्फ एक गली का निर्माण किया गया है इसके अलावा गांव की सभी गलियों में कीचड़ भरा रहता है।
नहीं मिल रहा सरकारी सुविधाओं का लाभ
ग्रामीण सुरजीत कौर, चरणजीत कौर, मनजीत, सिमरनजीत, जीतो बाई, सुनीता बाई, परमजीत कौर के अलावा गांव के भाग सिंह, जरनैल सिंह, पूर्व सरपंच बचन सिंह, बगीचा सिंह, गुरतेज सिंह, जगदीश पंच इत्यादि ने बताया की इस गांव में गंदे पानी की निकासी के लिए एक जोहड़ बना हुआ है जिसमें गांव की निकासी का पानी जाता है। लेकिन दो दशकों से इस जोहड़ की न तो खुदाई करवाई गई और ना ही सफाई करवाई गई। यहां तक गांव की फिरनी भी कच्ची पड़ी है। जिस पर आज तक कोई इंट नहीं लगाई गई। इसके अलावा इस गांव में कोई भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं है।
क्या कहते हैं पंचायत अधिकारी अधिकारी
इस बारे में समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी रमेश कुमार सैनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बार गांव की अलग से ग्राम पंचायत बनेगी, जो भी विकास कार्य रुके हुए हैं उनको नवगठित पंचायत पूरा करवाएगी। वहीं अगर गांव में जलभराव या सफाई व्यवस्था में कोई कमी है वहां सफाई कर्मियों को लगाकर पूरा करवा दिया जाएगा।
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