गांव मिड्ढा का स्कूल प्राईमरी शिक्षा को दे रहा नयी दिशा

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सम्राट क्लास रूम ने बच्चों के सीखने का स्तर किया ऊंचा

मलोट(मलोट)। जिला श्री मुक्तसर साहब के गांव मिड्डा का सरकारी प्राइमरी स्कूल राज्य के बदल रहे शिक्षा के चेहरे की झलक पेश करता है। स्कूल के मेहनती स्टाफ ने इसे ऐसे विद्या मंदिर के तौर पर विकसित किया है जहां बच्चे अपने सुनेहरे भविष्य की मजबूत नींव रख सकते हैं। स्कूल प्रमुख रेनू बाला ने बताया कि स्कूल के स्टाफ ने बच्चों को नई अध्यापन तकनीकें द्वारा पढ़ाने के लिए 50 इंच ऐलईडी खरीद कर स्कूल में लगाई है, जिससे बच्चे किताबें पढ़ने के साथ साथ वीडियो देख कर भी विभिन्न विषयों के कठिन शब्द सहज ही याद कर लेते हैं।

स्कूल विद्यार्थी प्रिंयका, जसनदीप, नोमलप्रीत, सुखमनी बताते हैं कि इस विधि के साथ उनको गणित, विज्ञान के विषय आसानी के साथ समझ आ जाते हैं। इसी तरह बच्चों को साहित्य के साथ जोड़ने व उनको साकार रूप देने के लिए स्कूल द्वारा हर साल ‘तारों के सितारे’ बाल मैगजीन तैयार की जाती है। 2014 से लगातार यह मैगजीन राज्य स्तर पर अच्छे स्कूल मेग्जीनों में चुनी जाती रही है।

लाईब्रेरी व बाल मैगजीन से साहित्य के साथ जुड़ रहे बच्चे

स्कूल प्रमुख रेनू बाला ने बताया कि 125 विद्यार्थियों वाले इस स्कूल में विक्रमजीत, विजय कुमार, रूपाली व रेनू बाला व अन्य अध्यापक बच्चों को किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जिंदगी के सबक भी सिखा रहे हैं। स्कूल अध्यापक विक्रमजीत ने बताया कि उन्होंने स्कूल को हर पक्ष से ऐसा बनाने का प्रयास किया है कि बच्चों के लिए पढ़ाई बोझ न लगे। वह स्कूल में बनी गणित दीवार का जिक्र करते बताते हैं कि यहां समान रखने के लिए जो सैलफें बनाई हैं वह त्रिभ्भुज, वर्ग, आयत, गोलाकार आदि गणित की आकृतियों में बनाई गई है और यहां गणित के सभी मूलभूत सिद्धांत समझाए गए हैं।

इसके अलावा विद्यार्थी गैवी कुमार राज्य स्तरीय भाषण मुकाबलों के लिए चुना गया था, नोमलप्रीत जोन स्तरीय चित्रकला मुकाबलों में भाग ले चुकी है व राकेश की चयन जवाहर नवोद्या विद्यालय में हुआ है। प्रवेश प्रोजैक्ट के जिला कोआडीनेटर कमलप्रीत सिंह कहते हैं कि ‘पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब’ की पढ़ाने विधियों और स्कूल के मेहनती स्टाफ ने इस विद्या मंदिर को खास बना दिया है।

अध्यापकों ने विद्यार्थियों के लिए तैयार की 10 किताबें

स्कूल में एक अलग किस्म की लाइब्रेरी भी स्कूल अध्यापकों ने बनाई है, जिसके अंतर्गत अखबारों में प्रकाशित होने वाली बाल मन के लिए रोचक, ज्ञानवर्धक व वैज्ञानिक, भौगोलिक जानकारी वाली रचनाआें को खाली अभ्यास कापी में चिपका कर अध्यापक सस्ती परंतु बहुत ही अच्छी जानकारी वाली किताब तैयार करते हैं। इस तरह 10 किताबें इन अध्यापकों ने स्कूल विद्यार्थियों के लिए तैयार की हैं। इसी साल गणतंत्र दिवस स्कूल में मनाकर स्कूल ने एक नयी प्रवृत्ति भी डाली है।

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