पानीपत (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन की नौवीं आम सभा में विजेंद्र लांबा एक्सईएन हिसार और अनिल नगर एक्सईएन पंचकूला को एसोसिएशन के अगले कार्यकाल के लिए क्रमश: अध्यक्ष और महासचिव चुना गया। आॅल इंडिया पावर इंजीनियर के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित इस बैठक में 300 से अधिक इंजीनियरों ने भाग लिया। एआईपीर्इाफ के मुख्य संरक्षक पदमजीत सिंह ने संसद के पिछले सत्र में पेश किए गए बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 के नुकसान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार प्रतिस्पर्धा के नाम पर पूरे बिजली क्षेत्र का निजीकरण कर रही है।
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उन्होंने कहा कि भारत में सबसे महंगी बिजली मुंबई में है जहां टाटा और अडानी प्रतिस्पर्धा के नाम पर उपभोक्ताओं को बिजली प्रदान करते हैं। एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने बताया कि लोकसभा ने बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति के पास भेज दिया है। इससे पहले शुक्रवार को समिति ने सभी हितधारकों से 15 दिनों के भीतर सुझाव मांगे हैं। विभिन्न हितधारकों के साथ बिल के निहितार्थ का अध्ययन और चर्चा करने के लिए अवधि बहुत कम और अपर्याप्त है। उन्होने कहा कि न्यूनतम अवधि को तीन महीने तक बढ़ाया जाना चाहिए।
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