विधानसभा के स्पीकर रहते हुए चलाया जा रहा था ‘काला धंधा’, सीबीआई ने लिखा था पंजाब को पत्र
- अब विजीलैंस करेगी मामले की जांच
- पंजाब सरकार ने माईनिंग विभाग और विजीलैंस को सौंपी जांच, राणा केपी ने आरोपों से किया इन्कार
चंडीगढ। (सच कहूँ/अश्वनी चावला) पंजाब में अवैध माईनिंग से काली कमाई का गौरख धंधा पंजाब विधान सभा के पूर्व स्पीकर राणा केपी सिंह चला रहे थे। विधान सभा के स्पीकर रहते हुए राणा केपी सिंह ने इस अवैध माईनिंग के धंधे को करते हुए कई हजार करोड़ रुपये की काली कमाई की है। इस मामले में सीबीआई द्वारा भी 8 जुलाई 2021 को पंजाब सरकार को पत्र लिखते हुए कार्रवाई करने के लिए कहा था लेकिन मौके के विधान सभा स्पीकर राणा केपी सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह पर कांग्रेस सरकार ने फाईल को दबाकर रखा लेकिन अब इस मामले में पंजाब विजीलैंस और माईनिंग विभाग जांच करेगा। दोनों विभागों द्वारा जांच करते हुए आगमी कार्रवाई की जाएगी ताकि विजीलैंस विभाग सबूतों के आधार पर इस मामले में किसी भी समय एफआईआर तक दर्ज कर सकता है।
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जानकारी के अनुसार पंजाब विधान सभा के स्पीकर रहते हुए राणा केपी सिंह पर अवैध माईनिंग को लेकर काफी बार आरोप लगते रहे हैं कि उनकी सरप्रस्ती में कुछ रिश्तेदार और साथी अवैध माईनिंग कर रहे हैं, जिससे कई हजार करोड़ रुपये तक की काली कमाई की जा रही है लेकिन विधानसभा के स्पीकर की सीट की अपनी मर्यादा होती है, जिस कारण सीबीआई द्वारा भी इस मामले में कोई कार्रवाई करने की जगह पंजाब सरकार को ही 8 जुलाई 2021 को पत्र लिखते हुए सूचित किया उनके पास अवैध माईनिंग को लेकर शिकायत आई है, इस सबंधी असली दस्तावेज सहित भेजते हुए राज्य सरकार को कार्रवाई करने हेतु लिखा गया था लेकिन यह शिकायत और सीबीआई के पत्र वाली फाईल एक विभाग से दूसरे विभाग तक घूमती रही और कार्रवाई नहीं की गई।
इस मामले में पंजाब के माईनिंग मंत्री 25 अप्रैल 2022 को शिकायत के आधार पर जांच करने के लिए अपने ही विभाग को कहा गया, जिसकी शुरूआती जांच में सामने आया कि राणा केपी सिंह के नाम पर रोपड़ और आनन्दपुर साहिब में अवैध माईनिंग दौरान लाखों रूपये महीना इकट्ठे किए जा रहे थे। आनन्दपुर साहब में बडेÞ स्तर पर राणा केपी सिंह के रिश्तेदार ही चला रहे थे। इस सारे खेल में कई हजार करोड़ रुपये तक का घपला होने का अन्दाजा लगाया जा रहा है, जिस कारण अब इस मामले की जांच पंजाब विजीलैंस को सौंप दी गई है। इन आरोपों को राणा केपी सिंह ने साफ नकारते हुए कहा कि विभाग के मंत्री हरजोत बैंस द्वारा यह कार्रवाई बदले की भावना से की जा रही है और उन्होंने कहा कि मैंने किसी भी तरीके का गलत काम नहीं किया है।
ब्लैक मनी को व्हाईट करने के लिए चंडीगढ़ में खरीदी कोठी
राणा केपी सिंह पर आरोप लग रहे हैं कि उनकी तरफ से चंडीगढ़ में करोड़ रुपये दी एक कोठी खरीदी गई, जिसे खरीदने के लिए उन्होंने बिना ब्याज के लोन प्राईवेट लोगों से लिया। जबकि बिना ब्याज लोन प्राईवेट लोगों से लेना सिर्फ ब्लैक मनी को व्हाईट करने की कार्रवाई है। प्राईवेट लोगों से दिखाकर राणा केपी सिंह ने एक नम्बर में कोठी खरीदी और अब बिना ब्याज लोन वापिस अगले सालों में दिखाया जाएगा, जिससे ब्लैक मनी का पैसा व्हाईट हो जाएगा।
थानेदार की मदद से बेची सस्ती जमीन महंगे रेटों में
राणा केपी सिंह द्वारा सस्ते रेट पर जमीन खरीद कर रख लिया जाता था और कुछ ही समय बाद उस जमीन को महंगे रेटों में बेच दिया जाता था। इस सस्ते से महंगे रेटों में बेचने की कार्रवाई रूप नगर के एक थानेदार से मिलकर की जाती थी। इस मामले में राणा केपी सिंह से पूछताछ करने के साथ ही थानेदार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकनी शुरू हो गई है।
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