24 फरवरी तक लगी केवल 3885 वैैक्सीन
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मैडीकल स्टाफ, डॉक्टरों, आंगणवाड़ी वर्करों ने नहीं लगवाया टीका
गुरप्रीत सिंह संगरूर। जिला संगरूर में कोरोना वैक्सीन की रफ्तार बेहद धीमी गति से चल रही है। सेहत विभाग से मिले आंकड़ों से अनुसार 24 फरवरी तक महज चार हजार वैक्सीन ही लगी है, जिस कारण सेहत विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न लगता है। यह भी पता चला है कि कुछ डाक्टर, मैडीकल स्टाफ और आंगणवाड़ी वर्करों की ओर से बड़ी संख्या में इन टीके लगवाने से कन्नी कतराई जा रही है। सेहत विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी तक कोरोना से बचाव के लिए बनी वैक्सीन कोविड शील्ड की 3885 डोज ही लगी हैं। इसमें सबसे पहले मैडीकल स्टाफ, डॉक्टरों के लगनी थी परन्तु अभी तक सौ प्रतिशत नहीं लगी।
पता चला है कि डॉक्टरों, मैडीकल स्टाफ, फ्रंट लाईन में काम करते सेहत कामगार, आंगणवाड़ी वर्करों की ओर से अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई गई। सूत्रों मुताबिक स्वास्थ्य कर्मचारी और डॉक्टर फिलहाल कोरोना की वैक्सीन से कन्नी कतरा रहे हैं। बेशक सेहत विभाग की ओर से दावे किये जा रहे हैं कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है परन्तु अभी तक मैडीकल अमला इस पर विश्वास नहीं कर सका है।
4281 मरीज कोरोना से कर चुके हैं फतेह हासिल
इसके अलावा समाज के दूसरी श्रेणियां भी लाईन में हैं। अभी साठ साल की उम्र से ज्यादा आयु वाले बुजुर्ग भी अपनी बारी का इन्तजार कर रहे हैं परन्तु सेहत विभाग को अभी तक अपने विभाग वाले कर्मचारी भी सौ प्रतिशत वैक्सीन लगवाने के लिए राजी नहीं हुए जब कि वैक्सीन को आए हुए कितना समय हो चुका है? हासिल किए आंकड़ों से मुताबिक जिला संगरूर में कोरोना की टेस्टिंग तेजी के साथ जारी है। अब तक 2लाख 40 हजार 882 जनों की सैंप्लिंग हो चुकी है, जिसमें से 4533 व्यक्तियों को कोरोना होने की पुष्टि हुई है। इनमें से 4281 मरीज कोरोना से फतेह हासिल कर चुके हैं जिला संगरूर में अब तक 37 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं।
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