Shambhu Border: 403 दिनों के इंतजार के बाद मिली राहत, वाहनों की आवाजाही बहाल

Ambala News
Ambala News: बार्डर से बैरीकेट्स हटाते जेसीबी।

किसान आंदोलन के चलते बंद था शंभू बॉर्डर, बुधवार रात को पुलिस ने कार्रवाई कर प्रदर्शनकारियों के मोर्चेे हटवाए

अंबाला (सच कहूँ/संदीप सांतरे)। Shambhu Border News: करीब 13 महीने के लंबे इंतजार के बाद शंभू बॉर्डर पर आखिरकार वाहनों की आवाजाही बहाल हो गई है। किसान आंदोलन के चलते पिछले वर्ष से बंद इस मार्ग पर प्रशासन ने बुधवार रात बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदर्शनकारियों के मोर्चे हटवा दिए। इसके तहत किसानों के ट्रैक्टर ट्रॉलियां, मशीनें हटाकर, टेंट, तंबू, झोपड़ियां और अन्य ढांचे जेसीबी मशीनों की मदद से उखाड़े गए। इस दौरान पंजाब पुलिस ने कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया। Ambala News

जेसीबी व हाईड्रा मशीनों से सीमेंट के ब्लॉक्स व बैरिकेड्स हटाए | Ambala News

वीरवार सुबह हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर से सीमेंट के बैरिकेड्स हटाने का कार्य शुरू किया। ये बैरिकेड्स पिछले वर्ष किसान आंदोलन के दौरान पंजाब के किसानों को दिल्ली कूच से रोकने के लिए कई परतों में लगाए गए थे। इनमें नुकीली कीलें, कांटेदार तारें और कंक्रीट की मोटी दीवारें शामिल थीं।

बैरिकेड्स हटाने के काम में जेसीबी और हाईड्रा मशीनों का इस्तेमाल किया गया। बड़ी संख्या में सफाईकर्मी, मजदूर और मिस्त्री इस कार्य में जुटे रहे। मौके पर सुरक्षा के मद्देनजर पैरामिलिट्री फोर्स और हरियाणा पुलिस के जवान तैनात रहे। उपायुक्त अजय सिंह तोमर और पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह भोरिया ने मौके पर पहुंचकर कार्य की निगरानी की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

403 दिनों के इंतजार के बाद राहत

शंभू बॉर्डर खुलने से अंबाला सहित आसपास के क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत मिली है। पिछले वर्ष किसान आंदोलन के चलते इस मार्ग के बंद होने से स्थानीय व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा था। जीटी रोड का यह प्रमुख मार्ग बंद होने के कारण कई व्यवसाय ठप पड़ गए थे। पेट्रोल पंप, ढाबा संचालकों और अन्य छोटे व्यापारियों को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा था। अब मार्ग खुलने के बाद स्थानीय व्यापारियों को उम्मीद है कि उनका कारोबार दोबारा पटरी पर लौटेगा। Ambala News

शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड्स पिछले वर्ष 10 फरवरी को हरियाणा प्रशासन द्वारा लगाए गए थे। किसान संगठनों ने 13 फरवरी 2024 को दिल्ली कूच का ऐलान किया था, जिसे देखते हुए सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाए थे। इस दौरान बॉर्डर पर सीमेंट के अवरोधक, नुकीली कीलें और कांटेदार तारें लगाई गई थीं ताकि किसानों को हरियाणा में प्रवेश करने से रोका जा सके। प्रारंभ में बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल बना रहा, लेकिन बाद में किसान पंजाब सीमा पर ही धरने पर बैठ गए और हरियाणा सीमा पर पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस के जवान तैनात रहे।

भाकियू ने 24 को बराड़ा में बुलाई बैठक, चढूनी लेंगे फैसला

बैरिकेड्स हटाने की कार्रवाई से पहले चंडीगढ़ में किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सहित अन्य मांगों को लेकर हुई वार्ता विफल हो गई थी। इसके बाद पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिसके विरोध में कुछ किसान नेताओं ने सोशल मीडिया पर किसानों से शंभू बॉर्डर पहुंचने का आह्वान किया।

आक्रोशित किसानों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए किसान नेताओं की गिरफ्तारी को अनुचित बताया। इसके विरोध में किसानों ने 21 मार्च को प्रदेश के सभी जिलों में पंजाब सरकार का पुतला फूंकने का ऐलान किया है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने 24 मार्च को बराड़ा अनाज मंडी में सुबह 10 बजे बैठक बुलाई है, जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी आगामी रणनीति पर फैसला लेंगे।

आर्थिक नुकसान और व्यावसायिक प्रभाव | Ambala News

शंभू बॉर्डर हरियाणा-पंजाब सीमा पर एक महत्वपूर्ण ट्रांजिट पॉइंट है, जहां से रोजाना करीब 55-60 हजार वाहन गुजरते हैं। बॉर्डर सील होने के कारण नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। टोल बंद रहने से भारी आर्थिक हानि हुई, वहीं हरियाणा रोडवेज की बसों को भी लंबे रूट अपनाने पड़े, जिससे परिचालन लागत में वृद्धि हुई। अब बैरिकेड्स हटने के बाद यातायात सुचारू रूप से शुरू हो गया है। खासतौर पर अंबाला शहर का कारोबार फिर से गति पकड़ने की उम्मीद है। बॉर्डर के आसपास स्थित पेट्रोल पंप, ढाबे और अन्य छोटे व्यवसायों में दोबारा रौनक लौटने की संभावना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

यह भी पढ़ें:– Traffic Challan: चैकिंग के दौरान 3 वाहन सीज तथा 25 पर लगाया 19.63 लाख जुर्माना