Vegetable Prices | किसानों का दर्द है कि मुनाफा तो अब दूर की बात
लखनऊ। लाकडाउन के दौरान सब्जियों के लगातार गिरते भाव ने गृहस्थ महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान ला दी है जबकि पहले से आर्थिक तंगी के शिकार किसानो की माली हालत दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। लखनऊ में आलू और प्याज के दाम फुटकर दुकानो में 15 रूपये प्रति किलो तक जा पहुंचे है वहीं हरी सब्जियां भी 10 से 12 रूपये और खीरा मात्र एक रूपये में बिक रहा है। लखनऊ के ग्रामीण इलाकों मे सैकड़ों किसान सब्जी उगा कर अपने परिवार का पेट पालते हैं।
मंडियों और बाजार के बंद होने से उनके सामने समस्या यह है कि खेतों मे तैयार सब्जियों की फसल को आखिर कहां बेंचे। किसानों का दर्द है कि मुनाफा तो अब दूर की बात है, सिंचाई का खर्च ही निकल आये तो ही बहुत है। लाकडाऊन से सब्जियों को खेतों से मंडियों तक.नहीं पहुंचा पा रहे हैं। आम दिनों मे इस समय लंबा आर्डर रहता था। होटल और रेस्टोरेंट के अलावा शादियों के कारण भी अच्छे भाव मिल जाते थे। राजधानी के मोहनलालगंज,सरोजनी नगर के गांव के सैंकड़ों किसान इस काम मे लगे हैं। मोहनलालगंज मे साप्ताहिक बाजार लाकडाऊन के कारण बंद करा दिया गया। बंदी के कारण जब सब्जी का संकट खडा हुआ तो प्रशासन ने एक बार फिर बाजार लगवाने की कोशिश की लेकिन भीड़ और सोशल डिसटेंसिंग का पालन नहीं हो पाने के कारण बाजार को फिर बंद करा दिया गया।
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