बंगला करना पड़ेगा खाली, अन्य सुविधाओं पर भी रोक | Vasundhara Raje
- राजस्थान सरकार की एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने किया खारिज
Edited By Vijay Sharma
नई दिल्ली(एजेंसी)। (Vasundhara Raje ) सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सुविधाएं नहीं मिलने के राजस्थान हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया। राजस्थान सरकार ने हाइकोर्ट के 4 सितंबर 2019 के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (एसएलपी) दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए राजस्थान हाइकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। साथ ही कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के दखल देने का कोई आधार नहीं दिख रहा है। इसके चलते एसएलपी को खारिज किया जाता है।
हाइकोर्ट ने यह दिया था फैसला |Vasundhara Raje
राजस्थान हाइकोर्ट ने मिलापचंद डांडिया की याचिका पर राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम 2017 को असंवैधानिक व शून्य करार दिया था। इसके तहत सरकार को पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को वापस लेना था। इसके चलते पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली आजीवन बंगला, टेलीफोन, कार-ड्राइवर, स्टॉफ समेत अन्य सुविधाओं पर रोक लग गई थी।
राजे और पहाडिय़ा होंगे प्रभावित
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और जगन्नाथ पहाडिय़ा पर असर पड़ेगा। फिलहाल दोनों नेताओं को पूर्व मुख्यमंत्री की सुविधाएं राजस्थान सरकार की ओर से दी जा रही है।
भाजपा सरकार ने पारित किया था विधेयक
राजस्थान में भाजपा की तत्कालीन सरकार के दौरान राजस्थान मंत्री वेतन अधिनियम 1956 में संशोधन कर राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन नियम 2017 के तहत बंगला टेलीफोन समेत कई सुविधाएं पूर्व मुख्यमंत्रियों को देने का विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था। इसके मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री को एक सरकारी बंगला, कार, पूर्व सीएम या उनके परिवार के लिए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को बतौर निजी सचिव नियुक्त करने सहित नौ कर्मचारियों का स्टाफ शामिल है।
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