एक दिन एक व्यक्ति एरिजोना इलाके से गुजर रहा था। उसी समय अचानक तेज आंधी और वर्षा होने लगी। व्यक्ति की कार में गैस खत्म हो गई। वह एक गैस स्टेशन पर अपनी गैस भरवाने के लिए रुका। भारी बारिश के बीच वह गाड़ी में बैठा रहा और वहीं से गैस भरने वाले व्यक्ति को निर्देश देता रहा। जब उसकी गाड़ी में गैस भर गई तो वह गैस भरने वाले कमर्चारी से बोला, ‘मुझे माफ करना । मैंने तुम्हें इतनी बारिश में कष्ट दिया। बमुश्किल तुम मेरी गाड़ी में गैस भर पाए हो।’ यह सुनकर गैस भरने वाला कमर्चारी मुस्करा कर बोला, ‘कोई बात नहीं सर। आपको माफी मांगने की कोई जरूरत नहीं है। मैंने आपकी गाड़ी में खुशी-खुशी गैस भरी है। मुझे इस काम में कोई भी तकलीफ नहीं हुई।’ गैस भरने वाले कमर्चारी की बात सुनकर गाड़ी का मालिक गाड़ी में से ही बोला,’अरे भारी तूफान और बारिश है और तुम कहते हो कि गैस भरते हुए जरा भी परेशानी नहीं हुई।’ गैस कमर्चारी मुस्करा कर बोला, ‘जी सर, सचमुच कोई परेशानी नहीं हुई है।
दरअसल मैंने हर हाल में खुश रहना सीख लिया है।’ अब गाड़ी का मालिक और हैरान हुआ। वह बोला, ‘तुम हर समय खुश रहते हो। क्या कोई व्यक्ति हर हाल में खुश रह सकता है?’ कमर्चारी बोला, ‘बिल्कुल! यदि कोई व्यक्ति मौत को अपने करीब से देख ले तो वह हर हाल में खुश रह सकता है। वियतनाम युद्ध के दौरान शत्रुओं की घेराबंदी में जब पल-पल मौत मेरी ओर बढ़ रही थी, मैंने उसी समय निश्चय कर लिया था कि यदि मैं जीवित बच गया तो अपने जीवन के हर पल को जिंदादिली और खुशी से जिऊंगा। मैं जीवित बच गया और इसके बाद मैंने जीवन के हर पल को नेकी, ईमानदारी और जिंदादिली से जीना शुरू कर दिया। मुझे जीवन का महत्व पता है।’ गैस कमर्चारी की बात सुनकर गाड़ी का मालिक भावुक हो गया। वह गाड़ी से बाहर निकला और तेज बारिश में उस कमर्चारी को गले लगाकर बोला, ‘आज तुमने मुझे जीवन को अच्छी तरह से जीने की एक बहुत बड़ी सीख दी है।’ इसके बाद वह गैस कमर्चारी को सलाम ठोंक कर आगे बढ़ गया।
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