चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। पंजाब में टीकाकरण नीति में परिवर्तन कर दिया गया है। निजी अस्पतालों में दोगुने दाम पर कोरोना वैक्सीन बेचने के मामले में विपक्ष के जबरदस्त विरोध का सामना कर रही पंजाब सरकार शुक्रवार को बैकफुट पर आ गई। इसके अलावा भाजपा ने भी इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी को निशाने पर लिया तो उनके इशारे पर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन बेचने के फैसले को वापिस ले लिया। कोविड-वैक्सीन के राज्य प्रभारी आईएएस विकास गर्ग की ओर से आदेश जारी कर कहा गया है कि निजी अस्पताल बची हुए वैक्सीन को तत्काल वापस करें। साथ ही ही बेची गई वैक्सीन को भी वापिस करने के लिए कहा गया है। वैक्सीन फंड में जमा पैसा सरकार की ओर से अस्पतालों को जल्द जारी किया जाएगा।
वैक्सीन फंड से मिलेगा अस्पतालों को पैसा: इस खुलासे पर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया था। मामले को बढ़ता देख शुक्रवार को सरकार की ओर से फैसला वापस लेने का आदेश जारी कर दिया गया। कोविड वैक्सीन टीकाकरण अभियान के राज्य प्रभारी आईएएस विकास गर्ग ने आदेश जारी कर कहा है कि निजी अस्पतालों की ओर से टीकाकरण को लेकर गंभीर लापरवाही बरती गई है। जिसके कारण सरकार निजी अस्पतालों को अब वैक्सीन नहीं बेचेगी। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बची हुई वैक्सीन भी वापस ली जाएंगी। सरकार भी अस्पतालों का जल्द वैक्सीन फंड में जमा पैसा रिलीज करेगी।
मुझे नहीं थी जानकारी: मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने सफाई दी कि उनका टीकों पर नियंत्रण नहीं है। वे सिर्फ उपचार, परीक्षण, कोरोना के नमूने और टीकाकरण शिविरों को देखते हैं। इन आरोपों की जांच करवाई जाएगी। जो भी अधिकारी इस मामले में दोषी पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वे खुद भी मामले की जांच कर सकते हैं।
शिअद ने उठाया था मामला:
वीरवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने पंजाब सरकार पर निजी अस्पतालों को वैक्सीन बेचने का आरोप लगाया था। मामले को गंभीर बताते हुए सुखबीर ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी। शिअद प्रधान ने पंजाब के लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।
400 में खरीदकर 1560 में बेच रही थी सरकार
हाल ही में पंजाब सरकार द्वारा को-वैक्सीन की 1 लाख शीशियों में से 20 हजार राज्य के निजी अस्पतालों को 1,060 रुपये प्रति खुराक की दर से बेचे जाने का खुलासा हुआ था। सरकार ने इन कोरोना वैक्सीन को 400 रुपये में खरीदा था। सरकार से खरीदी गई वैक्सीन के लिए राज्य के निजी अस्पताल 1560 रुपये वसूल कर मोटा मुनाफा कमा रहे थे।
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