नैनीताल (एजेंसी)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया माध्यम फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर ब्लैकमेल करने और लूट के मामले में जवाब नहीं देने के मामले में मंगलवार को पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया। रुड़की निवासी आलोक कुमार की ओर से जनहित याचिका दायर कर इस मामले को चुनौती दी गयी है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि फेसबुक की तरफ से उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है।
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अभी तक जवाबी हलफनामा दायर नहीं किया गया है। अदालत ने इसे सख्ती से लिया और फेसबुक पर 50 हजार रुपये का जुमार्ना लगा दिया। फेसबुक को यह रकम तीन सप्ताह में जमा करनी है। यही नहीं अदालत ने फेसबुक को अगले साल 16 फरवरी, 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है।
क्या है मामला:
याचिकाकर्ता की ओर से दायर याचिका में का कहा गया कि फेसबुक में ब्लैकमेलिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं। साइबर अपराधियों द्वारा पहले लड़की की फेक प्रोफाइल के माध्यम से लोगों से दोस्ती गांठी जाती है और उसके बाद ब्लेकमेलिंग का खेल शुरू होता है। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि वह इस मामले में खुद पीड़ित है। उसने जब फ्रेंड रिक्वेस्ट ठुकरा दी तो उसके पास धोखे से वीडियो काल भेजी गयी और उसकी फोटो का दुरूपयोग अश्लील रिकार्डिंग तैयार की गयी। इसके बाद साइबर अपराधी की ओर से उसके साथ ब्लेकमेलिंग की गयी लेकिन जब उसने पैसे देने से इनकार कर दिया तो आरोपी ने अश्लील वीडियो उसके दोस्तों व परिजनों को भेज दी। इस प्रकरण से समाज में उसकी मानहानि हुई है।
उत्तराखंड में अभी तक ऐसे 45 मामले सामने आ चुके हैं। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि इस मामले हरिद्वार पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि केन्द्र सरकार ने पिछले साल फरवरी में कानून बनाकर फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया माध्यमों को लोगों के अधिकारों की रक्षा करने और ऐसे मामलों के निस्तारण के लिये कारगर तंत्र बनाने के निर्देश दिये हैं। अदालत ने पिछले साल आठ सितम्बर को सुनवाई के बाद केन्द्र व राज्य सरकार के साथ फेसबुक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
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