देहरादून (एजेंसी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत, आधुनिक बुनियादी ढांचे पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत की नीति, गति शक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है। उन्होंने कहा कि सड़क और संपर्क सुविधाओं के विकास से क्षेत्र में पर्यटन, तीर्थाटन और अन्य आर्थिक गतिविधियों का विकास होता है, अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। मोदी विधान सभा चुनावों की ओर बढ़ रहे उत्तराखंड में 18000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण करने के बाद यहां एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने उत्तराखंड में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्वीकृत की हैं। यहां की सरकार उन योजनाओं को ‘जमीन’ पर उतार रही है।
आज यहां 18000 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया जा रहा है। मोदी ने कहा कि इस शताब्दी की शुरूआत में, तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने भारत में कनेक्टिविटी (सम्पर्क सुविधाएं) बढ़ाने का अभियान शुरू किया था। प्रधानमंत्री ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि वाजपेयी सरकार के समय शुरू किए गए राजमार्ग विकास अभियान को उसके बाद आयी सरकार ने बिखेर दिया। उन्होंने कहा, ‘लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया। दस साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बुनियादी संरचनाओं के विकास का काम फिर तेजी से आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा, ‘इससे देश का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं।
सड़क सम्पर्क बढ़ने से पर्यटन और तीर्थाटन में आएगी तेजी
आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा परियोजना का शिलान्यास हो चुका है। इससे उत्तराखंड तथा दिल्ली के बीच पड़ने वाले बागपत से शामली तक के जिलों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग परियोजना जब ये बनकर तैयार हो जाएगी तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वह करीब-करीब आधा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केदार घाटी इस बात का उदाहरण है कि सड़क सम्पर्क बढ़ने से पर्यटन और तीर्थाटन में तेजी आती है। केदारनाथ त्रासदी से पहले, 2012 में पांच लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किया था। ये उस समय एक रिकॉर्ड था। मोदी ने कहा कि सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था।
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