इस्लामाबाद(एजेंसी)। पाकिस्तानी सैनिकों को रूस के डिफेंस सेंटरों में प्रशिक्षण की अनुमति देते हुए जहां मॉस्को ने समझौते पर हस्ताक्षर किए वहीं एक दशक से भी अधिक समय से अमेरिकी संस्थान में दी जा रही पाकिस्तानी सैनिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम को ट्रंप प्रशासन ने निलंबित कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है।रावलपिंडी में ज्वाइंट मिलिट्री कंसल्टेटिव कमिटी (जेएमसीसी) के बैठक में मंगलवार को पाकिस्तान और रूस ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस बैठक के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर चर्चा की गई।
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध इस साल जनवरी में और बिगड़ गया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामाबाद पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देने पर आड़े हाथों लेते हुए दी जाने वाली सहयोग राशि बंद करने का ऐलान कर दिया था।पाकिस्तानी सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए कोष अमेरिकी सरकार के अंतरराष्ट्रीय सैन्य शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम (आईएमईटी) से आता था लेकिन ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के लिए अगले साल के अकादमिक सत्र के लिए कोई कोष उपलब्ध नहीं कराया है।
संबंधों में सुधार के लिए अमेरिका दौरे पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री
पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका से दूरी बढ़ने के बाद उनकी रूस और चीन से नजदीकी बढ़ गई है। इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने रूस का दौरा किया था। इसके बाद रूस और पाकिस्तान के सैनिकों ने साथ में युद्धाभ्यास भी किया था। इसके साथ ही पाकिस्तान को रूस ने 4 एमआई35एम लड़ाकू विमान और कार्गो हेलिकॉप्टर भी दिए हैं।
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