गाजियाबाद (सच कहूँ /रविंद्र सिंह )। UP News: देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बेखौफ बदमाशों ने फ़िल्मी स्टाइल में बुधवार को सदर तहसील में वकील के चैंबर में घुसकर एक वकील की गोली मारकर हत्या कर दी । वारदात के समय वकील अपने चैंबर में खाना खा रहे थे। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। शुरुआती जांच में मृतक वकील के बहनोई पर हत्या का शक जताया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में दो संदिग्ध युवक कैद हुए हैं। दोनों दोपहर करीब 1:38 बजे मुंह पर रुमाल बांधकर बाइक से तहसील में घुसे थे। फ़िलहाल पुलिस बाइक सवार दोनों संदिग्ध युवकों की तलाश कर रही है। मामला थाना सिहानी गेट क्षेत्र की सदर तहसील का है। UP Crime News
मृतक की पत्नी ने हत्याकांड में दो वकीलों समेत पांच रिश्तेदारों के खिलाफ कराई एफआईआर:डीसीपी सिटी
बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मनोज चौधरी (35) चैंबर नंबर-95 में खाना खा रहे थे। उनके साथ तीन अन्य लोग भी बैठे थे। अचानक दो अज्ञात युवक चैंबर में घुस आए। जब तक कोई कुछ समझ पाता, उन्होंने खाना खा रहे वकील मनोज चौधरी की कनपटी पर गोली मारी और तुरंत भाग गए। घटना का पता चलने पर गाजियाबाद के एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेश कुमार पी or डीसीपी निपुण अग्रवाल कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंची । वकीलों के हंगामे की आशंका के चलते कई थानों का फोर्स तहसील परिसर के आसपास तैनात कर दिया गया है। हत्या किस वजह से हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। शुरूआती जांच में पता चला है कि मनोज चौधरी का अपने बहनोई से विवाद चल रहा था। वारदात के बाद से वह लापता है। इसलिए उसी पर वारदात का शक है। फिलहाल पुलिस टीमें उसकी तलाश कर रही है। –
हम कुछ समझ नहीं पाए: मुनेश त्यागी | UP Crime News
सदर तहसील में चैंबर नंबर-95 मुनेश त्यागी का है। वह गांव दुहाई के रहने वाले हैं और बैनामा लेखक हैं। इसी चैंबर में वकील मनोज चौधरी उर्फ मोनू भी बैठते थे। वारदात के चश्मदीद बैनामा लेखक मुनेश त्यागी हैं। मुनेश त्यागी ने बताया कि दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास मैं, अधिवक्ता मनोज चौधरी, मुंशी जितेंद्र और गौरव खाना खा रहे थे। तभी दो नकाबपोश बदमाश चैंबर में घुस आए। उन्होंने मनोज चौधरी की कनपटी में गोली मार दी और पैदल ही भाग गए। हम कुछ समझ ही नहीं पाए।
बहनोई पर हत्या करने का आरोप
मृतक मनोज चौधरी उर्फ मोनू की बहन सविता ने अपने पति और देवर पर हत्या करने का आरोप लगाया है। सविता ने बताया कि मेरा मेरे ”पति से विवाद चल रहा है। इसी वजह से मैं 24 जून से अपने मायके गोविंदपुरम में भाई के साथ रह रही हूं। तीन दिन पहले मेरे पति और देवर ने मेर भाई मनोज को धमकी दी थी। मनोज गोविंदपुरम के रहने वाले थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।
वारदात के समय मीटिंग में थे ज्यादातर वकील
सदर तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया, हापुड़ प्रकरण को लेकर बुधवार को सभी वकील हड़ताल थे। तहसील में हमारी मीटिंग चल रही थी। मीटिंग खत्म होते ही हमें गोली चलने की सूचना मिली। हम मौके पर आए तो चैंबर के अंदर कुर्सी पर वकील मनोज चौधरी का शव पड़ा हुआ था।
क्या कहते हैं डीसीपी
डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि अधिवक्ता मनोज चौधरी की पत्नी कविता चौधरी ने दो वकीलों समेत पांच रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें मृतक के जीजा अमित डागर, उसके भाई नितिन डागर, पिता मदन, अनुज और पालू को अभियुक्त बनाया गया है। हत्याकांड की वजह पारिवारिक बताई गई है। अमित डागर जनवरी- 2023 में अपनी मां पर गोली चलाने के आरोप में जेल भी जा चुका है। एक आरोपी अमित नोएडा में और उसका भाई नितिन गाजियाबाद सदर तहसील में प्रैक्टिस करता है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगा दी गई हैं।