अनलॉक-1: खेल मंत्रालय ने एसजीएफआई के खेलों को नहीं दी मान्यता

Unlock-1 The Sports Ministry did not recognize SGFIs games

अब जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर नहीं होंगे स्कूली खेल

  • खिलाड़ियों का भविष्य लगा दाव पर, चिंताएं बढ़ी
  • निजी स्कूल बच्चों से नहीं ले सकेंगे खेल फंड की राशि
  • नई व्यवस्था बनाने में जुटा खेल मंत्रालय
भिवानी सच कहूँ/इन्द्रवेश दुहन। अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसजीएफआई) स्कूली खेलों का आयोजन नहीं करा सकेगी। देशभर में आयोजित होने वाली स्कूली खेल स्पर्धाओं से लाखों रुपए के हेरफेर होने व खराब संचालन के चलते इसे खेल मंत्रालय ने अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं किया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि भारतीय खेल मंत्रालय की तरफ से देशभर में नेशनल खेल फेडरेशनों को विभिन्न खेलों के आयोजन की मान्यता दी जाती है। एसजीएफआई अलग-अलग राज्यों में स्कूली शिक्षा विभाग और फिर जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में खेलों का आयोजन कराती है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय साल भर की खेल गतिविधियों का खेल कलेंडर भी जारी करता है।
कक्षा छठी से 12वीं तक के बच्चों से वसूले जा रहे 27 रुपये
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि कक्षा छठी से लेकर बारहवीं तक स्कूलों में प्रत्येक बच्चे से लगभग 27 रुपये खेल फंड की राशि भी वसूल की जा रही है। इसी वजह से प्रत्येक निजी स्कूल शिक्षा विभाग में हजारों रुपयों का स्पोर्ट्स फंड जमा कराता है। प्रत्येक जिले में सैकड़ों निजी स्कूल हैं और इस लिहाज से लाखों रुपयों का स्पोर्ट्स फंड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इकट्ठा हो जाता है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय भी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को खेलों के नाम पर लाखों रुपयों की ग्रांट भेजता रहता है। अब खेल मंत्रालय स्कूली खेलों के आयोजन के लिए नई व्यवस्था पर मंथन करने में जुटा है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अब से स्कूली खेलों के आयोजन में किसी भी बच्चे को खेल फंड की राशि नहीं देनी होगी। वहीं निजी स्कूल भी शिक्षा विभाग को स्पोर्टस फंड के नाम पर कोई शुल्क नहीं देगा।
खिलाड़ियों के प्रमाण पत्रों पर बड़ा सवाल
खेल मंत्रालय ने स्कूली खेलों के आयोजन में एसजीएफआई को अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं किए जाने के बाद से हजारों खिलाड़िय़ों का भविष्य भी दाव पर लग गया। एसजीएफआई द्वारा जारी किए गए खेल प्रमाण पत्रों के आधार पर नेशनल स्तर के खिलाडिय़ों को स्पोर्ट्स ग्रेडेशन, सालाना स्कॉलरशीप, खेल कोटा और रेलवे की सुविधाओं के साथ सरकारी नौकरी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। अधिकांश प्रमाण पत्रों पर जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद खेल विभाग के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर इन प्रमाण पत्रों पर होते हैं। जिनसे इन प्रमाण पत्रों की प्रमाणिकता पर बहुत बड़ा सवाल उठेगा।
52 नेशनल स्कूली खेल चैंपियनशिप रद्द
एसजीएफआई की वेबसाइट पर खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता रद्द करने के आदेशों के कारण 52 नेशनल स्कूली खेल चैम्पियनशीप रद्द करने का नोटिस लगा दिया है। इन खेल स्पर्धाओं में कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। जिनकी स्पर्धाआएं जून और जुलाई माह में आयोजित की जानी थी। लेकिन अब इन खेलों को रदद करने का नोटिस लगाने के बाद खेलों की तैयारियों में जुटे खिलाड़िय़ों के भविष्य पर ही दाव पर लग गया है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।