दूल्हा-दुल्हन और बाराती सब दृष्टिबाधित, पूरा गांव विवाह का साक्षी बना
Edited By Vijay Sharma
छतीसगढ़ (सच कहूँ डेस्क)। आपने शादियां तो अनगिनत देखी होगी। लेकिन आज आपको ऐसी अनोखी शादी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सबने देखा लेकिन जिनकी शादी थी वो नहीं देख पाए। है न हैरानी वाली बात लेकिन ये सच है। छतीसगढ़ के एक गांव में हुई ये शादी चर्चा का विषय इसलिए बनी हुई है क्यों कि इसमें दुल्हा और दुल्हन दोनो ही देख नहीं सकते हैं या ये कहे कि दृष्टिबाधित है। इतना ही नहीं दुल्हे की बारात में पहुंचे बराती भी दृष्टिबाधित थे। दोनों की जातियां भी अलग-अलग हैं। छतीसगढ़ में कोरिया जिले के डुमरिया गांव में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से बारात पहुंची थी। बता दे कि दृष्टिबाधित युवक और युवती एक में विश्वविद्यालय में संगीत की शिक्षा लेते है ।
बिन बुलाए पहुंच गए मेहमान देखने अनोखी शादी
डुमरिया गांव के सभी लोगों के लिए इस शादी को देखना एक रोचक अहसास से भरा था। लिहाजा बिना निमंत्रण के ही पूरा गांव दादू राम पनिका के घर पहुंचा गया। इन्हीं की बड़ी बेटी गूंजा की शादी हुई। जन्म से ही देख न सकने वाली गूंजा पढ़ाई में अच्छी थी। पिता ने भी साथ दिया तो बेटी चित्रकूट के रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय पढ़ने चली गई। यहां ब्रेल लिपि के माध्यम से बीएड की पढ़ाई पूरी की। वहीं सूरज भी देख नहीं सकते और यहां संगीत कला में आईटीआई कर रहे थे।
- बारात में माधव अन्ध आश्रम में संगीत सीखने वाले 20 से ज्यादा दृष्टिबाधित शिष्य बाराती बनकर आए।
- इस आश्रम में सूरज खुद संगीत भी सिखाते हैं।
- कई नेता मंच पर इस जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे।
- शादी समारोह के दौरान दृष्टिबाधित युवकों ने अपनी दिलचस्प प्रस्तुतियां दी।
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