सच कहूँ डेस्क। अपने प्रियजनों या दोस्तों से मुलाकात होने पर, अजनबियों से मिलने पर, किसी व्यापारिक या व्यावसायिक समारोहों के दौरान लोग अक्सर एक दूसरे से हाथ मिलाकर (हैंडशेकिंग) अभिवादन करते हैं। यह स्वाभाविक रूप से पश्चिमी देशों की प्रथा रही है, और विश्व स्तर पर भी अभिवादन करने की व्यापक और संक्षिप्त परंपरा है। दुनिया भर में अभिवादन के लिए हाथ मिलाकर अभिवादन (हैंडशेकिंग) करने की प्रथा शायद पश्चिमी और गैर-पश्चिमी दोनों समुदायों में सबसे अधिक प्रचलित है। लेकिन दुनिया में अन्य जगहों पर, अभिवादन करने के अलग-अलग रिवाज देखें जाते हैं। जिसे सच कहूँ आज पाठकों के तक अपने इस कॉलम के जरिए पहुंचाने का प्रयास करेगा। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं की हाथ मिलाने के अतिरिक्त दुनिया भर में लोग एक दूसरे का किस तरह विनम्रता से और शारीरिक रूप से 10 अलग-अलग तरीके से अभिवादन करते हैं?
हाथ जोड़कर और अपने सिर को झुकाकर (भारत)
भारत में, लोग प्रार्थना शैली में अपने हाथों को जोड़कर और अपने सिर को थोड़ा झुकाकर एक-दूसरे का ‘नमस्ते’ कहते हुए अभिवादन करते हैं।
ताली बजाकर (जिम्बाब्वे और (मोजाम्बिक)
दक्षिणी अफ्रीका में ‘शोना’ एक बंटू जातीय समूह हैं जो यहां के मूल निवासी है। यहां अभिवादन करने के लिए हाथ मिलाने के बाद पारंपरिक तरीके से ताली बजाने का रिवाज होता है। शोना लोगों में पहला व्यक्ति ‘माकड़ी’ (आप कैसे हैं?) कहते हुए दो बार ताली बजाता हैं, बदले में दूसरा व्यक्ति भी दो बार ताली बजाकर जवाब देता है। पुरुष अपनी उंगलियों और हथेलियों को मिलाते हुए ताली बजाते हैं, जबकि महिलाएं अपने हथेलियों के बिच अंतर रखकर ताली बजाती हैं।
अपनी जीभ बाहर निकाल कर (तिब्बत)
तिब्बत में अपनी जीभ को बाहर निकालना सम्मान या समझौते का प्रतीक माना जाता है और अक्सर इसे पारंपरिक तिब्बती संस्कृति में अभिवादन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तिब्बती लोक-कथाओं के अनुसार, नौवीं सदी के एक क्रूर तिब्बती राजा की जीभ काली थी, इसलिए राजा को अपनी नापसंदगी दर्शाने के लिए लोग अपनी जीभ बाहर निकालते हैं। इस प्रथा की शुरूआत बौद्ध भिक्षुओं द्वारा हुई थी, जो यह बताने के लिए अपनी जीभ बाहर निकालते हैं कि वे शांति मार्ग पर आए हैं और वह 9वीं शताब्दी के क्रूर राजा का पुनर्जन्म नहीं है।
एक दूसरे के माथे और नाक को एक साथ दबाकर (न्यूजीलैंड)
अभिवादन की यह प्रथा न्यूजीलैंड के ‘माओरी संस्कृति’ में निभाई जाती है, इसे ‘होंगी’ (ऌङ्मल्लॅ्र) कहा जाता है और इसका मतलब, ‘सांसों का आदान-प्रदान’ करना है।
अपना हाथ दिल पर रखकर (मलेशिया)
मलेशिया में अभिवादन करने की यह औपचारिक परंपरा है, लेकिन इस पारंपरिक मलेशियाई अभिवादन के पीछे एक विशेष और सुंदर भावना है। सबसे पहले दूसरे व्यक्ति के हाथों को सहजता से अपने हाथों में लिया जाता है। फिर, इसी सहजता से दूसरे व्यक्ति के हाथों को मुक्त किया जाता है और अपने दाहिने हाथ को अपनी छाती पर रखते हुए शरीर को सामने की ओर झुकाते हैं, जिसे सद्भावना और साफ-दिल का प्रतीक जाना जाता है।
शरीर को थोड़ा सामने झुकाकर (जापान)
जापान में लोग एक-दूसरे को झुक कर अभिवादन करते हैं। शरीर का झुकाव सिर के छोटे से झुकाव से लेकर कमर के गहरे मोड़ तक हो सकता है। सिर के साथ एक छोटा सा झुकाव आकस्मिक और अनौपचारिक अभिवादन होता है, जबकि सिर से कमर तक का पूर्ण झुकाव और अवधि वाला अभिवादन सम्मान का संकेत देता है। .
एक दूसरे की नाक से नाक टकराकर (कतर, यमन, ओमान)
कुछ खाड़ी देशों में महिला, पुरुष और बुजर्गों से अभिवादन करने की अलग-अलग परंपरा है। यहां पुरुषों द्वारा अभिवादन के तीन तरीकें हैं, यदि यह एक औपचारिक अभिवादन है, तो वे आपस में हाथ मिलाते हैं, अगर कोई व्यक्ति अच्छी तरह से जान पहचान वाला हो तो उसके दाहिने गाल को तीन बार चूमकर अभिवादन किया जा सकता हैं और यदि वह व्यक्ति आपका रिश्तेदार या करीबी दोस्त है, तो आप दोनों दो बार अपनी नाक से नाक टकरा कर अभिवादन कर सकते हैं।
हाथ की उंगलियों से (नाइजीरिया)
नाइजीरिया में, युवा लोग आमतौर पर एक-दूसरे को एक विशेष तरीके से बधाई देते हैं, युवा लोग हैंडशेक की प्रक्रिया में अपनी उंगलियों को दूसरे व्यक्ति के उंगलिओं से मिलाकर चुटकी बजाते हंै। लेकिन यह हैंडशेक सीखना बहुत कठिन है, इसलिए आपको वास्तव में किसी नाइजीरियन व्यक्ति की जरूरत होती है जो आपको सही तरीका सिखाए कि हाथों को हिलाते हुए उंगलियों को कैसे झपकाया जाए।
बड़ों का हाथ अपने माथे से लगाकर (फिलीपींस)
फिलीपींस में अभिवादन के तरीके को ‘‘मनो’’ या ‘‘पैगामानो’’ कहते है, यह एक ‘‘सम्मान-भाव’’ है, जिसका उपयोग फिलीपीनी संस्कृति में बुजुर्गों के सम्मान के रूप में और बड़ों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
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