बेपर्द हुआ पाकिस्तान

Unfair Pakistan

 

आखिर 75 दिनों की कूटनीतिक लड़ाई से भारत न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन को भी हराने में कामयाब रहा। संयुक्त राष्ट्र ने भारत में आतंकवादी सक्रियता के आरोपी मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया। इससे पहले चार बार चीन ने इस मामले में रूकावट पैदा करने की कोशिश की थी। भारत की ओर से बनाए गए लगातार दबाव के कारण चीन को अपने कदम पीछे हटाने पड़े हैं। पाकिस्तान लगातार इस बात पर अड़ा हुआ था कि भारत के पास मसूद के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं हैं अब पाकिस्तान के लिए कोई बहाना शेष नहीं रह गया। पाकिस्तान को मसूद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी।

मसूद भारतीय संसद पर हमले सहित पुलवामा में हुए घातक हमलों के लिए कसूरवार है। अब पाकिस्तान सरकार का आतंकवादियों के खिलाफ चुप बैठना शर्मनाक होगा। भारत-पाक दोनों पड़ोसी देश हैं, जिनके संबंधों में आतंकवाद बड़ी रूकावट है यदि दोनों देशों में अमन -सुरक्षा कायम होते हैं तो यह दोनों देशों की तरक्की को रफ़्तार दे सकता है। मसूद का मामला पाक शासक और सेना के लिए मुसीबत बन गया है।

दरअसल जब तक सेना सिविल सरकार को आजाद हो कर काम नहीं करने देगी तब तक पाक से किसी अच्छे कदम की आशा नहीं रखी जा सकती है। हर नया प्रधान मंत्री लोगों को नया पाकिस्तान देने का वायदा करता है परंतु धीरे-धीरे उसकी बयानबाजी भी पहले रह चुके प्रधान मंत्रियों वाली हो जाती है। इमरान खान के मामले में भी ऐसा होता नजर आ रहा है। इमरान और नवाज की नीतियों में कोई बड़ा अंतर नजर नहीं आ रहा यदि नवाज शरीफ की सरकारों में दीनानगर में पठानकोट में हमले हुए थे तो मौजूदा इमरान सरकार के कार्यकाल में पुलवामा हमला हुआ। दोनों हालातों में इस्लामाबाद की बयानबाजी में कोई अंतर सामने नहीं आया। वैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाक अब जरूर हारा है और इमरान के पास मसूद के मामले में अपने देश के बचाव के लिए कोई रास्ता नहीं रह गया है।

पाकिस्तान को ‘ना मानूं’ वाली रट छोड़ कर अपनी जनता की बेहतरी के लिए आतंकवाद की पुशतपनाही छोड़कर अमन के लिए काम करना चाहिए। आतंकवाद का समर्थन करने वाले देश का साथ कोई भी देश नहीं दे सकता चाहे वह कितना भी ताकतवर क्यों न हो। चीन-पाकिस्तान की सहायता करने में बेबस हो गया है। आर्थिक लड़ाई लड़ रहे चीन को भारत की जरूरत है और चीन लंबे समय तक भारत से अलग नहीं रह सकता। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्थितियों में आए बदलावों को स्वीकार करे।

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