लॉकडाऊन। 95 सरकारी मंडियों और 107 प्राईवेट सैंलरों में होगी गेहूं की खरीद
बरनाला(सच कहूँ/जसवीर सिंह)। बरनाला जिले की अधिकतर मंडियों में गेहूं की खरीद के अधूरे प्रबंधों के बावजूद भी गेहूं की आमद शुरू भी हो चुकी है। जिले की कुल 95 सरकारी मंडियों के साथ साथ 107 प्राईवेट सैंलरों में भी इस बार गेहूं की खरीद किये जाने के प्रबंध करने का पता चला है। कोविड-19 से हुई पैदा हुई स्थिति के साथ निपटने के लिए बेशक मंडीकरण बोर्ड द्वारा खरीद संबंंधी समूह तैयारियां किये जाने का दावा किया जा रहा है परंतु लगभग आधी मंडियों में इस समय कोई भी पुख्ता प्रबंध देखने को नहीं मिल रहे।
कूपन व्यवस्था से नाखुश किसान
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेशों के अंतर्गत आज से समूह पंजाब में गेहूं की खरीद शुरू करने का ऐलान किया हुआ है। जिस दौरान जहां किसानों को कूपन व्यवस्था के द्वारा अपनी फसल बेचने के निर्देश हैं वहीं कोरोना वायरस के मद्देनजर सेहत विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जारी हिदायतों की पालना को भी यकीनी बनाना होगा। इस सबके बावजूद जिले की मंडियों में गेहूं की आमद हो चुकी है परंतु जिले की की अधिकतर मंडियों में अभी भी गेहूं की खरीद के पुख्ता प्रबंध नहीं हो सके। जिस दौरान न तो मंडियों में पीने वाले पानी का कोई इंतजाम किया गया है और न ही मजदूरों और किसानों के लिए रफाहाजत वगैरा के भी कोई प्रबंध नजर नहीं आ रहे हैं, जिसे लेकर मंडियों में काम करने वाले मजदूरों और किसानों में रोष पाया जा रहा है।
कूपन व्यवस्था से नाखुश किसान मजबूरीवश अपनी फसल बेचने के लिए मंडियों में पहुंचने तो लगे हैं परंतु अंदर ही अंदर सरकार को जमकर कोस भी रहे हैं। कुछ लोग खुल कर सरकार प्रति अपने गुस्से का इजहार करते भी दिखे हैं। यह भी पता चला है कि मंडीकरण बोर्ड को समूह मंडियों में गेहूं की खरीद संबंधी पुख्ता प्रबंध 12 अप्रैल को मुकम्मल करने थे जो 15 अप्रैल तक भी सिरे नहीं चढ़ सके।
पहले दिन 755 टन आमद और 50 टन हुई खरीद
उल्लेखनीय है कि जिले की महल कलां व धनौला मार्केट समिति अधीन खरीद के पहले दिन 755 मीट्रिक टन (7550 क्विंटल) गेहूँ की आमद हुई है जबकि मार्केट समिति धनौला अधीन पहले दिन पनग्रेन और मार्कफैड द्वारा 50 मीट्रिक गेहूं की ही खरीद की जा सकी है।
कुछ दिनों में ही कूपन व्यवस्था में सुविधा महसूस करेंगे किसान : डीएमओ
मंडीकरण बोर्ड के डीएमओ जसपाल सिंह ने संपर्क करने पर बताया कि इस बार जिले की 95 सरकारी मंडियों सहित 107 प्राईवेट सैंलरों में भी गेहूं खरीदी जायेगी, जिससे किसी भी किसान को कोई भी मुश्किल पेश नहीं आयेगी। उन•ें कहा कि कूपन व्यवस्था पहले – पहल थोड़ा कठिन लगेगा परंतु कुछ दिनों के बाद ही किसान कूपन व्यवस्था में सुविधा महसूस करन लगेंगे। उन्होंने कहा कि जिले की समूचे मंडियों में खरीद प्रबंध मुकम्मल हैं किसी भी किसान को किसी भी त्रों की कोई दिक्कत नहीं आने दी जायेगी।
एक कूपन पर एक ही समय, एक किसान की पूरी फसल खरीदे सरकार : किसान
जिले के गांव ठीकरीवाला में अपनी गेहूं की फसल बेचने पहुँचे किसान गुरतेज सिंह ने कहा कि कूपन व्यवस्था सही नहीं है, क्योंकि 5 एकड़ से अधिक पैदावार करने वाले किसान को 2बार आढ़तियों और मंडियों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। उसको भी अपनी 10 एकड़ की फसल बेचने के लिए दो बार कूपन लेना पड़ेगा। यदि दूसरी बार फसल मौके पर ही काट कर गेहूँ मंडी में लाई तो कम्बायन आदि का खर्चा दोबारा करना पड़ेगा, अगर अभी काट कर घर फेंकी तो लेबर का खर्चा दोबारा पड़ेगा।
भाव कर अब अपनी 10 एकड़ की फसल बेचने के लिए पहले की अपेक्षा दुगुने खर्च का बोझ उठाना पड़ना है। उन्होंने मांग की कि बेशक सरकार कूपन व्यवस्था द्वारा गेहूं की खरीद करे परंतु एक कूपन पर एक ही समय एक किसान की पूरी फसल खरीदने के बाद ही अगले किसान को मंडी में बुलाया जाये जिसके न तो किसान को दोगुना खर्चा उठाना पड़ेगा और न ही मंडियों में भीड़ जमा होगी।
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