नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि युक्रेन युद्ध के चलते दुनिया में गेहूं का भाव इस समय नयी ऊंचाइयां छू रहा है और इससे मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ेगा। आईएमएफ का कहना है कि इससे गरीब देश ज्यादा प्रभावित होंगे क्यों की उनकी आबादी की निजी आय का बड़ा हिस्सा भोजन पर ही लगता है।
गेहूं का भाव यूक्रेन युद्ध के बीच नयी ऊंचाइयोंं पर
आईएमएफ ने सोसल नेटवर्क पर एक बयान में कहा, ‘गेहूं का भाव यूक्रेन युद्ध के बीच नयी ऊंचाइयां छू रहा है-क्यों कि विश्व में गेहूं के कुल निर्यात में इस लड़ाई के शामिल देशों एक तिहाई हिस्सेदारी है। जिस तरह अनाज की लागत बराबर बढने की स्थिति है, उससे मुद्रास्फीति में तेजी आ सकती है।
इस बयान में हैवर एनालिटिक्स, ब्लूमबर्ग एलपी और आईएमएफ के अधिकारियों की गणना के हवाले से एक ग्राफ में दर्शाया गया है कि विश्व बाजार में चावल, मक्का और गेहूं के सितंबर 2001 की तुलना में मार्च में 25 प्रतिशत, गेहूं 65 प्रतिशत और मक्के का भाव 45 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है।
इस ग्राफ के अनुसार यूक्रेन पर रुस की चढ़ाई के दिन 24 फरवरी के बाद जिंस बाजार में गेहूं 100 प्रतिशत से भी अधिक चढ़ गया था। आईएमएफ के अनुसार विकसित देशों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्यों का हिस्सा 20 प्रतिशत से कम है जबकि लातीनी अमेरिकी देशों में यह करीब 25 प्रतिशत , एशिया के उपभरते देशों में 25-30 प्रतिशत, पश्चिम एशिया एवं पूर्वी यूरोप तथा उत्तरी अफ्रीका में करीब 30 प्रतिशत तथा सहारा रेगिस्तार के दक्षिण के अफ्रीकी देशों में यह हिस्सा 40 प्रतिशत है।
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