हरियाणा प्रदेश के कई जिलों के छात्र-छात्राएं यूके्रेन फंसे, परिजन फोन पर ले रहे अपडेट
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जिन्दगी बचाने की जद्दोजहद…
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यूक्रेन स्थित लवीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रही सरसा जिले की दो छात्राएं लौटी
सच कहूँ/रविंद्र रियाज, सरसा। यूक्रेन व रूस (Ukraine-Russia War) के बीच भड़के युद्ध के चलते वहां रहने वाले भारतीयों खास छात्रों को लेकर उनके अभिभावकों की चिंताएं बढ़ी हुई है। वे उन्हें बार-बार कॉल कर अप्डेट ले रहे हैं। अनेक भारतीय वहां से वापिस भी लौट रहे हैं, उन्हीं में से दो छात्राएं देर रात को सरसा अपने घर पहुंची। सरसा के गुरुनानक नगर कॉलोनी में रहने वाली मनुरीत और एमसी कॉलोनी निवासी खुशी शर्मा यूक्रेन से लौटी तो उनके परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों सहेलियां हैं और एक साथ सतलुज पब्लिक स्कूल में पढ़ती थी। बाद में डॉक्टर बनने का सपना संजोए तीन महीने पहले यूक्रेन स्थित लवीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था।
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दोस्तों से कॉल की तो पता चला यूक्रेन में ब्लैक आउट, इंटरनेट बंद
मनुरीत व खुशी ने बताया कि सरसा आने के बाद जब उन्होंने यूक्रेन (Ukraine-Russia War) में अपने दोस्तों से कॉल की तो पता चला कि वहां ब्लैक आउट कर दिया गया है। इंटरनेट व्यवस्था ठप है। उन्होंने कहा कि शुक्र है वे सही समय पर वहां से निकल आई नहीं तो परिजनों को चिंता हो सकती थी। मनुरीत का कहना है कि लवीव यूनिवर्सिटी में बड़ी तादाद में भारतीय है। सबसे ज्यादा हरियाणा के है। छात्रा खुशी ने बताया कि उन्हें जून की छुट्टियों में वापस आना था। परंतु अचानक युद्ध भड़कने पर उन्हें पहले आना पड़ा। उन्होंने बताया कि उनकी फ्लाइट 26 की थी परंतु स्वजनों के कहने पर वे 22 को ही वहां से लौट आई, उनका यह निर्णय सही रहा।
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परिजन बोले, बेटियां घर लौटी तो मिला चैन
मनुरीत की मां अरविंद कौर व खुशी की मां मोनिका शमार्ने बताया कि बुधवार रात को जब बेटियां घर लौटी तो सबकी जान में जान आ गई। मुहल्लावासी भी उनका हाल चाल जानने के लिए आ रहे है। उन्होंने कहा कि मुसीबत के इस समय में हवाई जहाज का किराया कई गुणा कर दिया गया है जिस कारण अनेक छात्र आ नहीं पा रहे हैं।
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करनाल पहुंची भव्या तो परिजनों ने ली राहत की सांस
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यूक्रेन में फंसे अपने दोस्तों लेकर चिंतित, सरकार से बोली, उन्हें बचा लो
करनाल (सच कहूँ न्यूज)। करनाल जिले के सेक्टर-13 निवासी भव्या वीरवार देर शाम को यूक्रेन (Ukraine-Russia War) से वतन लौट आई। भव्या के करनाल पहुंचने पर परिजनों ने राहत की सांस ली, पर भव्या के चेहरे पर दोस्तों को लेकर परेशानी साफ दिख रही थी। उसकी फ्लाइट निकलने के बाद ही ब्लास्ट शुरू हो गए और उसके दोस्त अभी वहीं फंसे हुए हैं। जिनके लिए भव्या ने सरकार से अपील की है कि अपने देश के लोगों को वहां से निकाला जाए।
उधर भव्या की मां अंजू जैन ने खुशी के आंसू निकाले और बोलीं कि वह सारा दिन घर पर अकेली टीवी देखकर रोती रही। अब बेटी घर आ गई तो काफी खुश हूँ। भव्या ने बताया कि एयर इंडिया की फ्लाइट काफी महंगी कर दी गई है। बहुत लोग तो इसे सह नहीं सकते। अब तो सभी फ्लाइट को बंद कर दिया है। सरकार से अपील है कि वहां पर फंसे हुए लोगों को वहां से निकाला जाए। परिजन बड़ी मुश्किल से बाहर भेजते हैं। ऐसे में यदि वहां पर वे सेफ नहीं होंगे तो क्या फायदा होगा।
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दूसरे परिजन भी हो रहे होंगे परेशान: विनेश जैन
भव्य के पिता विनेश जैन ने बताया कि बच्चों के लिए काफी चिंता हो रही है। हर बच्चा वहां से सकुशलत लौट आए, यही प्रार्थना है। बच्चे तो बच्चे होते हैं। जैसे हम परेशान थे, वैसे ही दूसरे बच्चों के परिजन परेशान होंगे। इसलिए हमारी सरकार से गुहार है कि इस पर जल्द से जल्दी योजना बनाकर बच्चों को वहां से निकाला जाना चाहिए।
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जुलाना के गांव मेहरड़ा का अजय अभी भी फंसा
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तीन साल पहले यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया था छात्र
जुलाना (कर्मवीर)। यूक्रेन संकट (Ukraine-Russia War) के बीच में जुलाना के मेहरड़ा गांव का एमबीबीएस की पढ़ाई करने गया छात्र फंस गया। यूक्रेन में रूस की ओर से हो रही बम्बारी से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल बना हुआ है। मेहरड़ा गांव का 22 वर्षीय अजय तीन साल पहले यूक्रेन के खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गया था।
परिजनों को उम्मीद थी कि उनका बेटा डॉक्टर बनकर देश सेवा करे लेकिन अब परिजन इस दुविधा में हैं कि उनका बेटा सकुशल कैसे घर आएगा। परिजनों ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द अजय की वतन वापसी के लिए कदम उठाए। अजय के भाई विजय ने बताया कि तीन साल पहले अजय को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए परिजनों ने भेजा था।
अजय के पिता सुभाष बीएसएफ से रिटायर्ड होकर अब हरियाणा पुलिस में पीएसओ की नौकरी कर रहे हैं और माता एक ग्रहणी हैं। विजय ने बताया कि अजय का शुक्रवार को सुबह फोन आया था। अजय ने परिजनों को बताया कि उन्हें खारकीव में एक मेट्रो स्टेशन पर अंडरग्राउंड किया गया है। अजय घबराया हुआ था। घर पर मां का रो-रो कर बुरा हाल है।
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हॉस्टल के बाहर हो रहे धमाके, हमें बचा लो
कैथल(सच कहूँ न्यूज)। कैथल जिले से 100 से अधिक छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। उन्हें अब स्वदेश वापस लौटने की चिंता है। इनमें से 50 ऐसे विद्यार्थी हैं, जो रूस के बार्डर के इलाके में रह रहे हैं। अपने बच्चों को लेकर अभिभावक काफी परेशान है। कैथल के कलायत निवासी अभय ने वाट्सएप से अपने स्वजनों को वहां हो रहे धमाकों की वीडियो को शेयर किया है।
अभय ने बताया कि वह यूतान में रह रहा है। वहां पर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। उसने बताया कि 25 फरवरी को मुश्किल से उसके देश लौटने की यूक्रेन से फ्लाइट बुक हुई थी। परंतु इससे पहले ही फ्लाइट बंद हो गई। अभय ने बताया कि जितने भी विद्यार्थी हास्टल में रह रहे हैं। वे पिछले दो दिनों से यहां से बम-धमाकों के कारण बाहर नहीं निकल पाए हैं।
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हॉस्टल में 500 से ज्यादा भारतीय छात्र
यूक्रेन (Ukraine-Russia War) में फंसे हरियाणा के रोहतक के छात्र मोहित ने बताया है कि सूमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 500 से ज्यादा छात्र हैं। यहां बेसमेंट में बंकरों की भी व्यवस्था है। सभी भारतीय एंबेसी की एडवाइजरी का पालन कर रहे हैं। क्योंकि सभी भारतीय है, इसलिए आत्मीयता का माहौल बना हुआ है। पहले एक-दूसरे को जानने का मौका इतना नहीं मिला, जितना अब मिल रहा है। यहां भारतीय समय से साढ़े तीन घंटा पीछे समय है। यानी भारत में अगर दोपहर के साढ़े तीन बज रहे हैं तो यहां दोपहर 12 बजे का ही समय है।
सरकार एक-एक बच्चे को सुरक्षित वापिस लाएगी: दुष्यंत चौटाला
हरियाणा प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार एक-एक बच्चे को सुरक्षित यूक्रेन से वापिस लाएगी। अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार इसको लेकर बेहद गंभीर है। सरकार लगातार बातचीत कर रही है और वहां फंसे सभी बच्चों को सकुशल लाने की कोशिश जारी है।
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