UGC BIG UPDAT: बंद हो सकते हैं यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल्स!

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UGC BIG UPDAT: बंद हो सकते हैं यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल्स!

UGC BIG UPDAT: हिसार, सच कहूँ/संदीप सिंहमार। देश भर के विभिन्न केंद्रीय,राज्यों,निजी व डीम्ड विश्वविद्यालयों में पीएचडी करने वाले शोधार्थियों व प्रोफेसर्स के लिए राहत भरी खबर है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल्स को बंद करना चाहता है। यूजीसी कंसोर्टियम फॉर एकेडमिक एंड रिसर्च एथिक्स (यूजीसी केयर) की स्थापना के लिए 28 नवंबर 2018 की सार्वजनिक सूचना के स्थान पर, आयोग ने 3 अक्टूबर 2024 को आयोजित अपनी 584वीं बैठक में विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर, पत्रिकाओं की यूजीसी-केयर लिस्टिंग को बंद करने और संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं को चुनने के लिए सुझावात्मक मानदंड विकसित करने का निर्णय लिया है।

इस संबंध में मंगलवार 11 फरवरी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से एक बार फिर सार्वजनिक सूचना जारी कर विशेषज्ञों से सुझाव मांगे गए हैं। विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के एक समूह द्वारा विकसित सुझावात्मक मापदंडों को अब ईमेल आईडी journalaugc.gov.in पर 25 फरवरी, 2025 तक उनकी प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। उच्च शिक्षा संस्थानों, संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों सहित सभी हितधारक इस विषय पर अपने सुझाव दे सकते हैं। दरअसल वैश्विक महामारी कोविद-19 के दौरान ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस होने से शोध पत्र प्रकाशित करने वाले शोधार्थियों में शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस दौरान स्कैमर्स ने विभिन्न यूजीसी पत्रिकाओं के क्लोन जनरल प्रकाशित कर दिए। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सामने असली व नकली शोध पत्रों की पहचान करना मुश्किल कार्य बन गया था। तब यूजीसी की तरफ से यूजीसी केयर लिस्टेड के स्थान पर पियर रिव्यूड व रैफर्ड जर्नल को भी एक समान मान लिया गया था, बेशर्ते कि उनका इंपैक्ट फैक्टर उच्च स्तर का होना चाहिए। यूजीसी केयर लिस्टेड पत्रिकाओं की अनिवार्यता खत्म होने से देश भर के लाखों शोधकर्ताओं को लाभ मिलेगा।

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