सरसा के दो युवाओं ने दो बार फतह की माउंट फ्रेंडशिप चोटी, लहराया तिरंगा

Two Sirsa youths waved the tricolor on Mount Friendship Peak twice

2023 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने का है लक्ष्य

सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। कहते है कि हौसला बुलंद हो तो बड़े से बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सकता है और विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर चोटी पर तिरंगा फहराने का जुनून आजकल सरसा जिला के दो युवाओं पर शुमार है। इसी सपने को पूरा करने के लिए सरसा के कंगनपुर निवासी साहिल पर्वतारोही व ऐलनाबाद निवासी हुकम चंद मनाली में 5289 मीटर ऊंचाई की पहाड़ी पर अभ्यास कर रहे हैं और दो बार माउंट फ्रेंडशिप पीक फतह कर चुके है। दोनों युवक अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबंध खेल संस्थान से मनाली के अटल बिहारी वाजपेयी माउंटन से पर्वतरोही की तैयारी कर रहे हैं।

सच कहूँ से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि उनका 2023 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने का लक्ष्य है। लेकिन विडंबना देखिये कि उपरोक्त दोनों युवकों ने जिला का नाम पूरे देश में रोशन किया है। मगर प्रशासन या समाजेवी संस्थाओं ने इन्हें सम्मानित करने तक की जहमत नहीं उठाई है। हालांकि साहिल व हुकमचंद हरियाणा से बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स, एडवांस माउंटेनिंग कोर्स व मैथ्ड ऑफ़ इंस्टेक्शन कोर्स सहित तीनों कोर्स एक साथ करने वाले पहले पर्वतारोही है।

ऐसा हुआ जुनून पर्वतरोही का

साहिल ने बताया कि खैरपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की। स्कूल में स्काउंट की तरफ से कार्यक्रम में भाग लेता था। मैंने शिक्षा विभाग द्वारा प्रतियोगिता के दौरान विजेता रहने पर मनाली जाने का मौका मिला। वहां पर मैंने पहाड़ियों पर चढ़ने का प्रयास शुरू किया। इसके बाद मैंने पहाड़ियों पर चढ़ने का मन में जुनून सा होने लगा। इसके बाद मैंने अटल बिहारी वाजपेयी माउंटन से पर्वतरोही कोर्स का प्रशिक्षण लेने का कार्य शुरू कर दिया। इस कोर्स के लिए मेरा हरशिन्द्र सिंह व स्काउंट इंचार्ज सुखदेव सिंह ढिल्लों पूरा सहयोग कर रहे हैं।

साहिल व हुकमचंद पर्वतारोही रॉक क्लाइम्बिंग कोर्स व स्कीइंग प्रशिक्षण कोर्स कर चुके है। वहीं हुकमंचद ने बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऐलनाबाद से की है। हुकमंचद ने बताया कि साल 2012 में जब उत्तराखंड के कैदारनाथ में बाढ़ आई थी तो वह वहां एडवेंचर कैंप में भाग लेने के लिए गए हुए थे। बाढ़ में उनका होटल भी ढह गया था। इस दौरान उन्होंने सैकड़ों लोगों को बाढ़ से बचाया था।

35 से 40 लाख रुपये आता है खर्च

स्काउंट इंचार्ज सुखदेव सिंह ढिल्लों ने बताया कि दोनों युवाओं ने माउंट फ्रेंडशिप पीक सहित अनेक पीक फतेह कर जिले का नाम रोशन किया है। अब दोनों विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने के लिए तैयारियों में जुटे हुए है। इस चोटी को फतेह करने पर करीब 35 से 40 लाख रुपए खर्च होते हैं। दोनों युवा मिडल क्लास फैमिली से है। इस कारण परिवार की आर्थिक तंगी चोटी को फतेह करने में आड़े आ रही है। इसलिए सरकार व प्रशासन और जिला की समाजसेवी संस्थाओं को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

साहिल पर्वतरोही ने बताया कि मनाली की पहाड़ियों पर पर्वतरोही की तैयारी कर रहे हैं। यहां पर माइनस तापमान में कई घंटों तक अभ्यास किया है। पर्वतरोही की कई चरण पूरे कर लिए हैं। जिसके लिए भी पुरस्कार भी मिले हैं। वर्ष 2023 में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतेह करना उनका लक्ष्य है। इसी सपने को आगे बढ़ाते हुए हम दोनों 19 मार्च से 11 अपै्रल तक उत्तराखंड के नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग उत्तरकाशी से सर्च एंड रेस्क्यू कोर्र्स करने जा रहे है। हमें विश्वास है कि एक दिन सफलता हासिल जरूर करेंगे।

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