Two New Courses Started in UEM University : जयपुर (सच कहूं न्यूज)। आज की दुनिया में उद्योग, उद्योग 4.0 में बदल रहा है, जहाँ सभी उद्योगों की मांग है कि उनकी सभी मशीनें स्वचालित हों, और सभी फिजिकल सिस्टम साइबरफिजिकल में परिवर्तित हो जाएँ, जहाँ मनुष्य दुनिया में कहीं से भी, किसी भी रिमोट डिवाइस के माध्यम से या वर्चुअल रियलिटी के माध्यम से उपकरणों को नियंत्रित कर सकें। इसी तरह यह मांग है कि ये मशीनें विभिन्न स्थानों पर एक-दूसरे के साथ बातचीत करने में सक्षम हों। Jaipur News
अब इस काम को पूरा करने के लिए एक कौशल सेट की आवश्यकता है, जहाँ इंजीनियर इन मशीनों के बारे में अपने मूल सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान से मशीनों को अच्छी तरह से जानते हों। साथ ही उन मशीनों को स्वचालित करने के लिए उभरते क्षेत्रों में उच्च अंत प्रोग्रामिंग कौशल की आवश्यकता होती है। एक दोहरी डिग्री, जैसे कि इंजीनियरिंग में, कंप्यूटर विज्ञान को मेजर और मैकेनिकल को माइनर रूप में मिलाकर या यहाँ तक कि इसके विपरीत एक मैकेनिकल फर्म के ऐसे स्वचालन में उद्योग की मदद करेगा।
भारत में पहली बार यह दिखाया गया है कि स्नातक स्तर या स्नातक स्तर के छात्र इंजीनियरिंग के दो पाठ्यक्रम समानांतर रूप से कर सकते हैं और वे इंजीनियरिंग की दो अलग-अलग धाराओं में एक प्रमुख डिग्री और एक माइनर डिग्री, जैसे: कंप्यूटर विज्ञान में प्रमुख डिग्री और मैकेनिकल में माइनर डिग्री, प्राप्त कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी वाईस चांसलर प्रो. डॉ. बिस्वजॉय चटर्जी ने बताया कि हमने दो कोर्स अभी चालू किए हैं जिसमें कंप्यूटर साइंस मेजर ले सकते हैं और मैकेनिकल साइंस माइनर ले सकते हैं। इससे बच्चे कंप्यूटर साइंस भी जानेंगे और जितना जरूरी है मशीन जानने के लिए मशीन को प्रोग्रामिंग करने के लिए उतना मैकेनिकल का नॉलेज उनके पास होगा।
भारत में पहली बार
साथ ही डॉ. चटर्जी ने बताया कि यदि विद्यार्थी के पास माइनर डिग्री नहीं है, और या डिग्री वह यूईएम से नहीं करना चाहता तो यूईएम के किसी इंडस्ट्री के साथ मिलकर जिनके साथ यूईएम का एमओयू है वहां से भी कर सकता है, वह ऑप्शन भी विद्यार्थी के पास है। जैसे एसएएस, आईबीएम या टीसीएस आदि। इन सभी इंडस्ट्रियों के प्रोफेशनल उनको सीधे पढ़ाएंगे तो यह भी एक बड़ा ऑप्शन होगा, उनके पास जिनके पास पहले से ही इंडस्ट्री नॉलेज है और वो इंडस्ट्री में शामिल होने के पहले दिन से ही इंडस्ट्री को डिलीवर कर सकते हैं।
यूईएम जयपुर के रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि यूईएम विद्यार्थियों को रोजगारपरक और कुशल बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। विश्वविद्यालय ने पहले ही 350 से अधिक पेटेंट प्रकाशित किए हैं और पिछले एक वर्ष में 280 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। यूनिवर्सिटी उपनिदेशक प्रोजेक्ट संदीप कुमार अग्रवाल ने बताया की हम लोग लगातार इनोवेशन करते रहते हैं, हमारा प्लेसमेंट हर साल अच्छा होता है, इस बार भी यूईएम,जयपुर का प्लेसमेंट बहुत अच्छा है। Jaipur News
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