नोटबंदी से ढाई महीने पहले ही शुरू हो गई थी 2,000 के नए नोटों की छपाई

इंदौर (एजेंसी)। सूचना के अधिकार से खुलासा हुआ है कि आरबीआई के पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक इकाई ने सरकार की नोटबंदी की घोषणा से करीब ढाई महीने पहले ही 2,000 रुपये के नए नोट छापना शुरू कर दिया था, जबकि 500 रुपये के नए नोटों की छपाई का काम विमुद्रीकरण के पखवाडे भर बाद आरंभ हुआ था। मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने वीरवार को बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी पर भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्रायवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) से मिले जवाब के जरिए यह अहम जानकारी हासिल हुई है।बैंगलुरू स्थित बीआरबीएनएमपीएल के एक अधिकारी ने जवाब में बताया।

कि इस इकाई में 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई का पहला चरण 22 अगस्त 2016 को शुरू किया गया था, जबकि 500 रुपये के नए नोटों की छपाई का पहला चरण 23 नवंबर 2016 आरंभ हुआ था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा वर्ष 1995 में स्थापित कम्पनी ने गौड़ की आरटीआई अर्जी के एक अन्य सवाल पर बताया कि इस इकाई में 500 रुपये के पुराने नोटों की छपाई का आखिरी चरण 27 अक्तूबर 2016 को खत्म हुआ था, जबकि 1,000 के पुराने नोटों की छपाई का आखिरी चरण 28 जुलाई 2016 को समाप्त हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात अपने टेलीविजन संदेश में घोषणा की थी कि 500 और 1,000 रुपये के नोट अब वैध नहीं रहेंगे।