सिंधियों की अपनी सी गाथा “ट्रिस्ट विद कोकी” पुस्तक का विमोचन
इस 10 जुलाई 2023 की शाम आरडी नेशनल कॉलेज परिसर में कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल डॉ. सुभद्रा आनंद द्वारा लिखित नवीनतम पुस्तक “ट्रिस्ट विद कोकी” (Tryst with Koki) की लांचिंग की गयी। कॉलेज प्रतिनिधि सुमन ने सच कहूं को जानकारी देते हुए बताया कि पुस्तक की लांचिंग आरडी नेशनल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नेहा जगतियानी के शुभ हाथों से, स्टाफ की उपस्थिति में की गयी
यह पुस्तक शोधपरक पुस्तक “सिंधियों की राष्ट्रीय एकता” से लिए गए तथ्यों पर आधारित है। इसकी कहानी आडवाणी परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है जिनकी कराची में संपत्ति भारत के विभाजन के कारण तबाह हो गई। एक समय ऊंचे क्लिफ्टन इलाके में रहने वाला परिवार खुद को उल्हासनगर कैंप की निराशाजनक गंदगी में पाता है। 18 वर्षीय शीला आडवाणी के जीवन संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमती यह एक मनोरंजक कहानी है जिसमे उसे अकल्पनीय चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
आगे चल कर यह कहानी परिवार के अन्य सदस्यों की तरफ भी ध्यान खीचती है, जहाँ परिवार का एक सदस्य सिंधवारकी की सबसे निचली पायदान की नौकरी करता है जबकि दूसरा वकील बन जाता है। लेकिन संघर्ष का यह दौर तब तक जारी रहता है जब तक कड़ी मेहनत और मजबूत इरादों से उनके दिन नही बदल जातें। प्रत्येक सिंधी जिसे संघर्ष के तहत अपनी मातृभूमि को त्यागकर दुनिया के एक कोने से दुसरे कोने को जाने के लिए मजबूर होना पड़ा, उसे यह अपनी सी गाथा लगेगी। बात करें तो, यह सिंधी समुदाय की अदम्य भावना का प्रतीक है।
कोकिस का भंडार, घी, मिर्च, प्याज और धनिया से भरा सिंधी फ्लैटब्रेड आदि खाने के सामान को बीच रास्ते की भूख से लड़ने के लिए शीला ने घर छोड़ते समय अपने सामान के साथ पैक किया था। यह कहानी है, शीला के असंख्य चरम भावनाओं, सफलता और जीवन संघर्ष यात्रा की।
कॉलेज का इतिहास : सुमन ने आगे बताया कि आरडी नेशनल कॉलेज, जिसकी स्थापना वर्ष 1949 में ऋषि दयाराम गिदुमल और डॉ. एनी बेसेंट के मार्गदर्शन से हुई थी, एचएसएनसी बोर्ड के तहत स्थापित पहला कॉलेज है। इसे सिंधी अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है लेकिन यह सभी के लिए खुला है और इस प्रकार यह सच्ची राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है।
सिंधी लोकाचार को प्रदर्शित करने वाली इस पुस्तक को लॉन्च कर हमारा संस्थान (कॉलेज) अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। पुस्तक का विमोचन सितारों से सजा एक कार्यक्रम था, जहाँ मुख्य अतिथि के रूप में अभिनेता सुनील शेट्टी तो वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में विक्रमादित्य मोटवाने शामिल हुए। किताब को मनीष आनंद एवं सुमुखी सुरेश द्वारा पढ़ कर सुनाया गया। इसके बाद लेखक और कवयित्री मेनका शिवदासानी ने अपने विचार रखें।
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