वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए गैर-सरकारी संगठन लोकतंत्र एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र (सीडीटी) ने उनके खिलाफ एक नया मुकदमा दायर किया है। सीडीटी ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। ट्रम्प ने टि्वटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के खिलाफ एक कार्यकारी आदेश जारी किया था।
सीडीटी की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार ट्रम्प ने 28 मई को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किये थे जो इंटरनेट पर गलत सूचना के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्म की आवाज को कमजोर करता है। यह आदेश तीसरे पक्ष के यूजर्स द्वारा पोस्ट की जाने वाली सामग्री के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की कानूनी छूट वापस लेने पर केंद्रित है। सीडीटी के मुताबिक ट्रम्प का कार्यकारी आदेश संविधान के पहले संशोधन का उल्लंघन करता है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कमजोर करता है।
दरअसल, ट्विटर ने गत शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के एक ट्वीट को ‘फ्लैग’ कर दिया था और कहा था कि यह ‘हिंसा को बढ़ावा’ देने संबंधी नियमों का उल्लंघन करता है। अमेरिका के मिनेपॉलिस शहर में अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लाॅयड की पिछले सोमवार को पुलिस हिरासत में मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों पर श्री ट्रम्प ने एक विवादास्पद ट्वीट किया था। उन्होंने टि्वटर पर लिखा, “ जब लूटपाट शुरू होती है तो गोलीबारी शुरू होती है।”
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।