सच कहूँ/मनजीत नरूआणा
चुघ्घे कलां(बठिंडा)। महां शहीद जसविन्द्र सिंह इन्सां निवासी चक्क अतर सिंह वाला को उनकी 15वीं बरसी मौके ब्लॉक चुघ्घे कलां अधीन आते गांव त्युना के नामचर्चा घर में सैकड़ों की तादाद में पहुंची साध-संगत द्वारा भावभिन्नी श्रद्धांजलि दी गई। इस नामचर्चा दौरान शहीद जसविन्द्र सिंह इन्सां को श्रद्धांजलि भेंट करते पंजाब के 45 मैंबर गुरदेव सिंह इन्सां बठिंडा, बलजिन्दर बांडी और साध-संगत राजनीतिक विंग पंजाब के मैंबर बलराज सिंह इन्सां ने कहा कि जब 2007 में पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा मर रही इन्सानियत को बचाने के लिए रूहानी जाम पिलाया गया तो कुछ असामाजिक ताकतों ने डेरा सच्चा सौदा के विरुद्ध कूड़ प्रचार करना शुरू कर दिया।
इन असामाजिक तत्वों द्वारा डेरा श्रद्धालुओं के शमशानघाट में संस्कार रोक दिए गए, नामचर्चाएं बंद करवा दी गई और साध-संगत पर अत्याचार करने शुरू कर दिए। इन अत्याचारों को सहते हुए जसविन्द्र सिंह इन्सां ने जवान आयु में ही शहीदी का जाम पीकर अपने-आप को मानवता के लेखे लगा दिया। उन्होंंने कहा कि पिता के घर इकलौती बेटा हो, ऊंचा घराना हो, घर में किसी तरह की कोई कमी न हो और ख्याल मुर्शिद की तरफ हो, यह बहुत बड़ी बात है। कुर्बानी शब्द कहना बहुत आसान है लेकिन अपनी कुर्बानी देना बहुत ही मुश्किल है। उन्होंने बताया कि आज उनकी याद में साध-संगत देश-विदेशों में बैठी भी मानवता भलाई के कार्य कर उनकी बरसी मना रही है। नामचर्चा मौके महां शहीद जसविन्द्र सिंह इन्सां के पिता जगरूप सिंह इन्सां और समूह परिवार द्वारा 15 गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार दी गई और पर्यावरण की शुद्धता के लिए पौधे भी लगाए गए। नामचर्चा दौरान ब्लॉक चुघ्घे कलां की साध-संगत द्वारा श्रद्धांजलि समारोह में आने वाली साध-संगत के लिए ठंडा पानी और लंगर का भी प्रबंध किया गया।इस मौके महां शहीद जसविन्द्र सिंह इन्सां का परिवार और रिश्तेदार, 45 मैंबर पंजाब सेवक इन्सां गोन्याना मंडी, संतोख इन्सां, प्यारा इन्सां यूथ 45 मैंबर के अलावा ब्लॉक चुघ्घे कलां, बठिंडा, बांडी और रामा नसीबपुरा की साध-संगत, जिला 25 मैंबर कमेटी, 15 मैंबर, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार, सेवा समिती के सदस्य और साध-संगत उपस्थित थी।
साध-संगत ने शहीद विक्रमजीत सिंह इन्सां को दी श्रद्धांजलि
सच कहूँ/दविन्द्र सिंह
खन्ना(लुधियाना)। ब्लॉक खन्ना के अथक सेवादार शहीद विक्रमजीत सिंह इन्सां की 10वीं बरसी मौके गतदिवस नामचर्चा आयोजित की गई। नामचर्चा दौरान पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों, 45 मैंबर सेवादारों, स्थानीय और अलग-अलग ब्लॉकों की साध-संगत द्वारा उनको श्रद्धांजलियां भेंट की गई। नामचर्चा की शुरूआत ब्लॉक भंगीदास रजनीश कुमार इन्सां ने पवित्र नारा ‘धन-धन सतगुरू तेरा ही आसरा’ लगाकर की।
इसके बाद कवीराजों ने पवित्र ग्रंथों में से शब्दबानी की और अंत में पवित्र ग्रंथ में अनमोल वचन पढ़कर साध-संगत को सुनाए गए। इस मौके पहुंचे 45 मैंबर विजय कुमार इन्सां (नाभा) ने शहीद विक्रमजीत सिंह इन्सां को श्रद्धांजलि देते कहा कि शहीद विक्रमजीत इन्सां ने अपनी जिंदगी मानवता की सेवा में लगाकर रूहानियत में अपना नाम सुनहरी अक्षरों में दर्ज करवा गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अथक महान सेवादार, जो मानवता की सेवा करते शहीद हो जाते हैं, वह सदा दिलों में रहते हैं। आज हम ऐसी ही महान रूह शहीद विक्रमजीत सिंह इन्सां को श्रद्धांजलि भेंट करते हैं। इसके बाद 45 मैंबर जगदीश चन्द इन्सां, सुखदेव सिंह इन्सां ने शहीद विक्रमजीत इन्सां की जीवनी संबंधी जानकारी दी। उन्होंने भाव-भिन्नी श्रद्धांजलि भेंट की। इस मौके शहीद विक्रमजीत सिंह इन्सां के भाई स्वपनदीप सिंह इन्सां, भाभी सीमा रानी इन्सां, अन्य रिश्तेदार, चरनजीत कौर इन्सां, ब्लाक खन्ना और पायल के जिम्मेवार सेवादार 25 मैंबर, 15 मैंबर, शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैलफेयर फोर्स विंग के सेवादार भाई और बहनें, यूथ वीरांगनाएं और सुजान बहनें, गांवों, शहरों के भंगीदास और बड़ी संख्या में साध-संगत उपस्थित थी।
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