सचखंडवासी के परिवारजनों ने तीन जरूरतमंद परिवारों को दिया एक माह का राशन
झुनीर/मानसा (सच कहूँ न्यूज)। अपनी श्वांसों रूपी पूंजी पूरी कर सचखंड जा बिराजे गांव हीरके निवासी नेत्रदानी और शरीरदानी रतन चंद इन्सां की स्मृति में नामचर्चा आयोजित की गई। यह आयोजन ब्लॉक झुनीर के एमएसजी डेरा सच्चा सौदा और मानवता भलाई केंद्र फत्ता मालोका में किया गया। नामचर्चा के दौरान कविराज भाइयों ने मानव जन्म की महत्ता को प्रकट करते हुए शब्द-भजन गाए। Mansa News
इस अवसर पर नेत्रदानी व शरीरदानी रतन चंद इन्सां के परिवार के सदस्यों के द्वारा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पवित्र शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए तीन जरूरतमंद परिवारों को एक-एक महीने का राशन दिया। जानकारी के अनुसार रतन चंद इन्सां बीती एक दिसंबर को इस नश्वर संसार को अलविदा कहकर सचखंड जा बिराजे थे। रतन चंद इन्सां की अंतिम इच्छा को पूरी करते हुए उनके परिवार ने उनकी आंखें सुरक्षित आई बैंक को दान की और फिर उनकी मृत देह को मेडिकल अनुसंधान के लिए दान किया। इस महान कार्य की नामचर्चा के दौरान विशेष रूप से सराहना की गई।
रतन चंद इन्सां का दान एक सर्वोच्च दान है | Mansa News
इस अवसर पर दिवंगत आत्मा को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए हरियाणा के 85 मैंबर मुलख राज इन्सां के अलावा जगतार इन्सां फत्ता मालोका ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु, पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानवता भलाई के 167 कार्यों में भाग लेते हैं। रतन चंद इन्सां ने मरणोपरांत शरीरदान और नेत्रदान करके मानवता के लिए महान सेवा की है, जोकि एक सर्वोच्च दान है।
आज के विज्ञान युग में, जब कई लोग अंधविश्वासों में फंसे रहते हैं, ऐसे में बड़ी संख्या में साध-संगत नेत्रदान और शरीरदान अभियान में अपना योगदान दे रही है। इस कार्य के लिए शरीरदानी रतन चंद इन्सां के परिवार को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस दुख की घड़ी में भी अपने गुरु की शिक्षाओं का पालन करते हुए उनकी अंतिम इच्छा को पूरा किया।
सच कहूँ के संपादक ने नामचर्चा में आए गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया
सच कहूँ के संपादक तिलकराज इन्सां ने नामचर्चा में आए रिश्तेदारों, साध-संगत और क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार रतन चंद इन्सां अपने घर को संभालने के साथ-साथ डेरा सच्चा सौदा में सेवा कार्यों में भी भाग लेते थे। उन्होंने कहा कि आज जब विभिन्न बीमारियां फैली हुई हैं, शरीरदान का महत्व और अधिक बढ़ गया है। मेडिकल क्षेत्र में नई खोजों के लिए मृत शरीर का दान अत्यंत आवश्यक है क्योंकि डॉक्टर इन पर शोध करते हैं। उन्होंने बताया कि रतन चंद इन्सां हीरके गांव के तीसरे और ब्लॉक झुनीर के 22वें शरीरदानी बने।
गौरतलब है कि दिवंगत रतन चंद इन्सां, सच कहूँ वेब न्यूज एडिटर रविंद्र इन्सां के पिता और सच कहूँ के संपादक तिलकराज इन्सां के आदरणीय मामा थे। इस अवसर पर सच कहूँ प्रबंधन के सदस्य राम निवास इन्सां, मुख्य कार्यालय के स्टाफ, 85 मैंबर हमीर इन्सां, 85 मैंबर अलका इन्सां, जगदीश सुरदेवाला, किसान नेता जत्थेदार तोता सिंह, पूर्व सरपंच लखविंदर सिंह, सरपंच हरमेल कौर, जस सरपंच भल्लनवाड़ा और बड़ी संख्या में रिश्तेदार व साध-संगत उपस्थित रहे। Mansa News
हिसार में आरे पर लगी आग में डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों का साहसिक कदम