योजना। कैदी को केस संबंधित पूरा ब्यौरा, कोर्ट में तारीख आदि की मिल सकेगी जानकारी
सच कहूँ/संजय मेहरागुरुग्राम। जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा गुरुग्राम में विचाराधीन कैदियों के लिए अंडर ट्रायल कैदी कार्ड लांच किया गया है। जिसमें उस कैदी के बारे में पूरा ब्यौरा दर्ज होगा तथा कैदी को भी उसके खिलाफ दर्ज मामले तथा कोर्ट में तारीख आदि की पूरी जानकारी रहेगी।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवि कुमार सोंधी के मुताबिक हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजीव शर्मा के निर्देश पर गुरूग्राम में जेल में बंद कैदियों का सर्वे करवाया गया, जिसमें कैदियों के समक्ष उनके विभिन्न न्यायालयों में चल रहे केसों की सुनवाई के संबंध में तथा उनके परिवारों के सामने आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी एकत्रित कर उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया गया।
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गुरुग्राम जेल में बंद हैं कुल 915 कैदी, 56 कैदी हरियाणा से बाहर के
माननीय न्यायधीश रवि कुमार सोंधी ने बताया कि गुरूग्राम की भोंडसी जेल में 534 सजाए आफता तथा 381 विचाराधीन कैदी हैं, जिन्हें मिलाकर कुल संख्या 915 हो जाती है। इनमें से जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण (डीएलएसए) की टीम 729 कैदियों तक पहुंची, उनसे बातचीत की।
उन्होंने बताया कि 91 सजाए आफता तथा 25 विचाराधीन कैदियों को स्वयं तथा अपने परिजनों को न्यायिक मद्द की जरूरत है। सोंधी ने बताया कि इनमें से 25 कैदियों के परिवार ऐसे हैं जो हमारे जिला के हैं, उनकी समस्याएं स्थानीय स्तर पर हल करने की कोशिश की गई है, जबकि 36 कैदियों के परिवार हरियाणा राज्य के दूसरे जिलों में रहते हैं। उनके मामले में उन जिलों के डीएलएसए से संपर्क करके मदद करवाई गई है। 56 कैदी हरियाणा से बाहर के पाए गए हैं, जिनमें से कईयों के परिजन तो आज तक मिलने भी नहीं आए, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होगा कि वे किस जेल में बंद हैं।
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कैदियों को नहीं पता होता अपने केस का स्टेटस
सोंधी ने बताया कि कैदियों को कई बार अपने केस के स्टेट्स के बारे में पता नहीं होता, इसलिए हालसा से अनुमति लेकर अंडर ट्रायल इन्फोरमेशन कार्ड लांच किया गया है। इस कार्ड में उस कैदी के केस से संबंधित पूरी जानकारी होगी जैसे कि उसका नाम, जेल में उसका युआईडी नंबर, कोर्ट का नाम, सीएनआर नंबर, उसके वकील का नाम, एफआईआर नंबर, जेल में आने की तारीख, उस पर क्या चार्जिज लगे हैं आदि।
सोंधी ने बताया कि हर बार जब भी वह कोर्ट में तारीख के लिए आएगा तो इस कार्ड में वह तारीख लिखते हुए प्रोसिडिंग (एक पंक्ति में) तथा अगली तारीख जज के रीडर या पैनल एडवोकेट द्वारा भरी जाएगी। यह कार्ड कैदी के पास रहेगा, ताकि उसे कोर्ट में तारीख आदि की पूरी जानकारी रहे।
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जरूरतमंद कैदियों व परिवारों को मुहैया कराई सहायता
सर्वेक्षण में जिन 91 कैदियों तथा 25 कैदियों के परिवारों को लीगल सहायता की जरूरत पाई गई, उन्हें यह सहायता मुहैया करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि कैदी के जेल में जाने के बाद उसके परिवार को भरण-पोषण, बच्चों की शिक्षा, बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल आदि जैसी सामाजिक समस्याएं हो जाती हैं। इन समस्याओं को हल करने में भी डीएलएसए मदद करेगा।