परंपरागत बचाव तरीके एवं वैक्सीनेशन ही कोरोना से सुरक्षा

Coronavirus

ओमिक्रोन के तेजी से फैलने की आशंकाओं के सही साबित होने के साथ ही देश के कई इलाके अब नये मरीजों से जूझ रहे हैं। पूरे अमेरिका में औसतन हर दिन पांच से सात लाख के बीच मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन अस्पतालों में भर्ती होनेवालों की संख्या कम है। मार्च, 2020 की तुलना में प्रभावितों की संख्या अधिक है, पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम लोगों को पड़ी है। कई मामले ऐसे हैं, जहां वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के बाद भी कोरोना हो रहा है। हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है, उनमें गंभीर समस्याएं नहीं आ रही हैं। अमेरिका में इस समय सबसे बड़ी दिक्कत यही हो रही है कि कुछ महीनों पहले आया डेल्टा स्ट्रेन अभी भी सक्रिय है और उसी बीच नया स्ट्रेन आ गया है।

वहीं भारत में टीकाकरण अभियान शुरू होने से बच्चे, अभिभावक, स्कूल और बोर्ड परीक्षा संचालित कराने वाली संस्था तक संक्रमण से सुरक्षा को लेकर कुछ आश्वस्त हो सकेंगे। ऐसा इसलिये भी जरूरी है कि बच्चों को देश का भविष्य माना जाता है। बच्चों के उन्नत, स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य एवं कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए सरकार ने सोच-समझकर कोरोना के विरुद्ध कोई सार्थक वातावरण निर्मित किया है तो यह सराहनीय स्थिति है। ओमीक्रोन की तीव्र संक्रमण दर और बच्चों-किशोरों के भी इसकी चपेट में आने की खबरों ने अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी थी। स्कूल-कालेज बंद करने और कड़ी पाबंदियों के लौटने से हर कोई चिंतित है। अभिभावक तो पहले ही बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं होने तक उन्हें स्कूल भेजने को तैयार नहीं थे। अब बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू होने से अभिभावकों को चिंता कम होगी, वहीं दूसरी ओर देश की शिक्षण संस्थाओं में स्थिति सामान्य बनाने में भी मदद मिलेगी।

बच्चों के टीकाकरण से देशवासियों को नया सबल मिलेगा, स्वास्थ्य-सुरक्षा का वातावरण बनेगा। भारत में कठिन परिस्थितियों में भी देशवासियों ने जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है वे आज भी तीसरी लहर का सामना करने में सक्षम हैं। अभिभावक भी बिना किसी खौफ के अपने बच्चों को वैक्सीनेशन केन्द्रों तक ले जाएं तभी संक्रमण का खतरा कम होगा। सामाजिक तौर पर भी हमें जिम्मेदार व्यवहार अपनाना चाहिए और संक्रमण के बचाव के परम्परागत उपायों का पालन करना चाहिए, साथ ही हमें बच्चों को भी यह पालन करना सिखाना होगा। हमें तीसरी लहर का मुकाबला सामूहिक इच्छाशक्ति, संकल्प एवं जिम्मेदारी से करना होगा। अगर हम ऐसा कर गए तो कोरोना वायरस पराजित हो जाएगा। इसलिए हिम्मत से काम लेना होगा।

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