परेड में आए ट्रैक्टर-ट्रालियों की शुरू हुई वापसी

Farmer-Protest

सोनीपत (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा में सोनीपत के कुंडली बॉर्डर से हजारों किसान परेड में शामिल होने के बाद बुधवार को घरों को लौट गए। वह बात अलग है कि धरना स्थल पर अभी भी हजारों किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ डटे हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने लाल किला की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इससे अपना पल्ला झाड़ लिया है। किसान नेताओं ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सरकार से कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की है। कुंडली बॉर्डर पर 26 नवंबर 2020 से हजारों किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। धीरे-धीरे धरना स्थल पर किसानों की संख्या बढ़ती चली गई।

बाद में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की घोषणा के बाद 23 जनवरी से धरना स्थल पर किसानों और ट्रैक्टरों का जमावड़ा तेजी से बढ़ना शुरू हो गया। आलम यह था कि 25 जनवरी को यह जमावड़ा करीब 18 किलोमीटर तक फैल गया। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर जगह न मिलने के बाद कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) और कुंडली- गाजियाबाद-पलवल (केजीपी) के दोनों और करीब 5 किलोमीटर तक हजारों ट्रैक्टर खड़े हो गए। मंगलवार यानी 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड का सिलसिला शुरू होने के बाद शाम तक चलता रहा और दिल्ली से वापसी का सिलसिला देर रात तक चला। खास तौर पर ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वाले किसानों ने बुधवार सुबह घरों की ओर वापसी शुरू कर दी। शाम होते-होते किसानों का जो जमावड़ा बहालगढ़ तक फैल गया था, वह अब फिर से रसोई गांव के पास तक करीब आठ किलोमीटर के दायरे में सिमट गया।

आज दिन भर कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की सभाओं का दौर चलता रहा और सबने एक स्वर में लाल किले की घटना की जमकर निंदा की। साथ ही इस घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया। किसान नेताओं ने कहा कि हम शांतिपूर्ण आंदोलन के कारण ही हम तीन कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब हुए थे, लेकिन दिल्ली में हिंसा और उपद्रव ने हमें शर्मसार किया है। कुछ लोगों ने लाल किले पर निशान साहिब का झंडा फहराया है, जो बेहद गलत है। पंथ का झंडा वहां नहीं फहराना चाहिए था। वह जगह केवल देश की आन-बान-शान तिरंगे की ही है। किसान संगठनों ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सरकार से कार्यवाही करने की मांग की है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरी घटना से पल्ला झाड़ते हुए आंदोलन को शांतिपूर्ण बताया और जारी रखने की घोषणा की।

लाल किले की घटना की जांच हो : टिकैत

किसान नेता राकेश टिकैत ने लाल किला परिसर में कल लोगों के प्रवेश करने तथा धार्मिक झंडा फराये जाने की घटना की जांच कराने की मांग की है। टिकैत ने बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में लाल किला में घुसने और वहां झंडा फहराये जाने वालों को चिन्हित करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की । उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोगों का किन राजनीतिक दलों और व्यक्तियों से संबंध था इसकी जांच करायी जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से लाल किला जाने का आह्वान नहीं किया था वे पहले से निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि परेड के लिए पहले से निर्धारित कुछ मार्गों की घेराबंदी की गयी थी जिसकी भी जांच करायी जानी चाहिये।

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किसान नेता ने कहा कि जिस किसी ने भी पुलिस कर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया उनकी पहचान की जानी चाहिये और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिये। किसान संगठनों और पुलिस के बीच समझौते के बाद गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी में किसान परेड निकालने पर सहमति बनी थी। उल्लेखनीय है कि कल किसान परेड के दौरान काफी लोग ट्रैक्टर के साथ लाल किला परिसर में घुस गये थे और वहां एक धार्मिक झंडा फहराया था और तोड़फोड की थी । किसान संगठन तीन कृषि सुधार कानूनों को रद्द करने तथा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर 63 दिनों से राजधानी की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं ।

किसानों की ट्रैक्टर परेड पर एक्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ। दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।

सनी देयोल ने दीप सिद्धू से खुद को किया अलग

पंजाब के गुरदासपुर से सांसद एवं अभिनेता सनी देयोल ने दीप सिद्धू से खुद को अलग करते हुए उससे किसी प्रकार का संपर्क होने से इनकार किया है। देयोल ने दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद ट्वीट कर कहा, ‘लाल किले पर जो कुछ भी हुआ उसे लेकर मैं बेहद दुखी और निराश हूं। मैं छह दिसंबर को पहले ही अपने एक ट्वीट में यह स्पष्ट कर चुका हूं कि मेरा अथवा मेरे परिवार के किसी भी सदस्य का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है। सूत्रों के मुताबिक अभिनेता से कार्यकर्ता बने दीप सिद्धू पर ट्रैक्टर रैली में शामिल किसानों को पहले से तय रूट का पालन नहीं करने के लिए उकसाने का आरोप है।

 

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