सचकहूँ/लाजपतराय रादौर। इस वर्ष टमाटर की लाली ने किसानों की जेबों की रंगत बढ़ा दी है। टमाटर के दाम अच्छे मिलने से किसान उत्साहित है। टमाटर की केरेट (25 किलो) 850 से 900 रूपए तक पहुंच चुकी है। किसानों की माने तो टमाटर के इतने दाम कई वर्ष बाद उन्हें मिल रहे है। दाम अच्छे होने के चलते टमाटर की खरीद फरोख्त का कारोबार करने वाले व्यापारी भी किसानों के खेतों में डेरा जमाए बैठे है और खेतों से ही टमाटर की खरीद फरोख्त कर आगे सब्जी मंडियों में सप्लाई कर रहे है। टमाटर उत्पादक किसान बलजीत, सौरभ, सलिंद्र, रघुबीर, राकेश, रिंकू, प्रदीप, श्रवण कुमार व पाला राम का कहना है कि इस बार उम्मीद से ज्यादा टमाटर के दाम मिल रहे है। टमाटर के यह दाम कई वर्ष बाद मिले है। अक्सर 500 रूपए प्रति करेट तक ही टमाटर के दाम सिमट जाते थे। पिछले कुछ दिन टमाटर के दाम थोड़े कम हुए थे, लेकिन दाम फिर से बढ़ गए है। अगर दाम यहीं रहे तो इस बार मुनाफा अच्छा होगा।
टमाटर उत्पादन का गढ़ है जठलाना क्षेत्र
रादौर क्षेत्र टमाटर उत्पादन का गढ़ है। यहां का टमाटर प्रदेश के अलावा दूसरे प्रदेशों की सब्जी मंडियों में अपनी एक अलग पहचान रखता है। क्षेत्र में प्रति वर्ष हजारों एकड़ भूमि पर टमाटर की खेती होती है। क्षेत्र में गांव भगवानपुर, भगवानगढ़, नाचरौन, बरहेड़ी, संधाला, संधाली, फतेहगढ़, पोटली, खुर्दबन, ठसका व रपड़ी इत्यादि गांवों में छोटे बड़े किसान टमाटर की खेती करते है। यहां से प्रतिवर्ष हजारों टन टमाटर सब्जी मंडियों में सप्लाई होता है। इस बार भाव अच्छे मिलने से किसान काफी उत्साहित है।
दूसरे प्रदेशों में बारिश से खराब हुई टमाटर की फसल, वहां सप्लाई हो रहा क्षेत्र का टमाटर
पंचकूला से क्षेत्र में टमाटर की खरीद फरोख्त करने वाले व्यापारी नरेश कुमार का कहना है कि इस बार बैंगलोर, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक व तमिलनाडु में बारिश के कारण टमाटर की फसल खराब हो चुकी है। खराब होने के बाद वहां फिर से टमाटर की फसल लगाई गई है। लेकिन वह फसल अभी चली नहीं। अभी उसे चलने में डेढ से दो माह का समय लगेगा। यहां से टमाटर दूसरे प्रदशों की सब्जी मंडियों में सप्लाई हो रहा है। वहां पर सब्जी की खरीद फरोख्त करने वाले व्यापारी क्षेत्र के व्यापारियों से संपर्क साध टमाटर की फसल मंगवा रहे है। इस समय वहां पर टमाटर के भाव काफी अधिक है।