बजरंग पूनिया ने की भारतीय दल की अगुवाई, भारतीय दल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
टोक्यो (जापान)। 23 जुलाई को शुरू हुआ टोक्यो ओलंपिक रविवार को समाप्त हो गया। समापन समारोह की शुरुआत आतिशबाजी के साथ हुई। पूरे ओलंपिक स्टेडियम को दुल्हन की तरह सजाया गया। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बावजूद टोक्यो ओलंपिक सफल रहा। समापन समारोह में कांस्य पदक विजेता बजरंग पूनिया ने तिरंगा थामकर भारतीय दल की अगुवाई की। उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों ने जहां पारंपरिक पोशाक पहनी थी वही वे समापन समारोह में खिलाड़ी ट्रैक सूट पहने हुए नजर आए। समापन समारोह में कुछ ही खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। बता दें कि 32वें टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम भारत के ध्वजवाहक थे।
लंदन ओलंपिक के प्रदर्शन को पीछे छोड़ा
समापन समारोह के दौरान इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी के प्रेसिडेंट थॉमस बाक, जापान के क्राउन प्रिंस अकिशिनो और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी पहुंचे। टोक्यो में 11 हजार 90 एथलीट आए थे। अलग-अलग इवेंट में कुल 340 गोल्ड मेडल, 338 सिल्वर और 402 ब्रॉन्ज खिलाड़ियों ने जीते। भारत की तरफ से सबसे बड़ा दल (128) टोक्यो पहुंचा था, जिन्होंने कुल 18 स्पोर्ट्स इवेंट में हिस्सा लिया था। अगला ओलंपिक गेम्स 2024 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में होगा। पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त 2024 तक इस खेल का आयोजन प्रस्तावित है।
भारत के लिए सबसे सफल ओलिंपिक
भारत के नजरिए से बात करें तो टोक्यो ओलंपिक देश के लिए अब तक का सबसे सफल ओलंपिक है। भारत ने सात मेडल अपने नाम किए हैं, जो कि एक ओलंपिक खेलों में सबसे ज्यादा हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने इस बार 1 गोल्ड, दो सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता, जबकि मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में और रवि दहिया ने कुश्ती के 57 किलो वेट में सिल्वर मेडल जीते। वहीं बैडमिंटन में पीवी सिंधु, कुश्ती में 69 किलो वेट में बजरंग पूनिया, बॉक्सिंग में लवलीना बोरगोहेन और पुरुष हॉकी ने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीते। टोक्यो से पहले भारत का सबसे सफल ओलंपिक 2012 लंदन ओलंपिक रहा है। इस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 6 मेडल जीते थे।
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