Ghaziabad (सच कहूं /रविंद्र सिंह)। नगर निगम गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल की अध्यक्षता में एवं नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और वार्ड पार्षदों की मौजूदगी शहर के विकास के लिए सदन में रखे गए 18 प्रस्तावों पर गंभीरता से चर्चा हुई।निगम सदन में इंदिरापुरम हैंड ओवर का मुद्दा गरमाया। हंगामे के साथ शुरू हुई निगम बोर्ड बैठक में हंगामे के दौरान सदन ने शहर के विकास कार्यों को लेकर 16 प्रस्तावों पर मुहर लगाई।
सदन की कार्रवाई वन्देमातरम के साथ शुरू हुई। और शुरुआत में ही वार्ड-100 के पार्षद संजय सिंह ने सदन में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के जरिए विकसित टाउनशिप इंदिरापुरम में नगर निगम के जरिए विकास कार्य न कराने को लेकर शिकायत रखी गई। उन्होंने नगर निगम पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए सदन में हंगामा किया। उन्होंने सदन में सवाल किया कि इंदिरापुरम आज तक विकास से वंचित रहा है। निगम जब 300 से अधिक अवैध कालोनियों में विकास कार्य करा सकता है तो इंदिरापुरम में क्यों नहीं करा सकता ।
वार्ड संख्या 100 के पार्षद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर न कर वहां निवास कर रही सादे चार लाख की जनता के साथ निगम सौतेला व्यवहार कर रहा है। कहा कि हम भिक्षा मांगते हैं कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर तत्काल किया जाए। हैंडओवर से पहले 250-300 करोड़ रुपये की मांग पर जोर न दिया जाए। इस पर पार्षद एवंम निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने कड़ा विरोध दर्ज कृते हुए कहा कि जीडीए ने इंदिरापुरम को बसाया है। वहां की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी जीडीए की है। बिना रुपये लिए हैंडओवर की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाए। कहा की जीडीए के जरिए इंदिरापुरम में होने वाले विकास कार्यों की उचित धनराशि नहीं दी जाती तब तक इंदिरापुरम हेंडओवर नहीं हो सकता। प्राधिकरण से इस संबंध में कई दौर की वार्ता पूर्व में हो चुकी है।इस पर दोनों के बीच जमकर जुबानी जंग शुरू हो गई ।
नगर आयुक्त ने की दोनों पक्ष से शांति की अपील
संजय सिंह सहित इंदिरापुरम के अन्य पार्षदों ने भी जमकर विरोध दर्ज किया और राजीव शर्मा पर हैंडओवर की प्रक्रिया में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। करीब 10 -15 मिनट तक दोनों पक्ष के बीच जमकर बहस हुई। इसके बाद नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की अपील पर दोनों पक्ष शांत हुए।
नियम के तहत होगा इंदिरापुरम हैंडओवर
महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि इंदिरापुरम हैंडओवर की प्रक्रिया को नियम के तहत आगे बढ़ाया जाएगा, वहां पर जीडीए को विकास कार्य कराने होंगे। उन्होंने कहा कि अब नगर निगम द्वारा पार्षदों को विकास कार्य के लिए जो कोटा दिया जाएगा, उस कोटे को इंदिरापुरम के पांच पार्षदों को भी दिया जाएगा। जिससे वहां पर वह अपने वार्ड में विकास कार्य करा सकेंगे।
इस दौरान पार्षद अजय शर्मा ने अपनी सीट पर चढ़कर हंगामा करते हुए अपनी बात रखी । मौजूद सभी वार्ड पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों की समस्याओं को प्रमुखता से सदन में रखा। पार्षद राजीव शर्मा ने निगम टैक्स वसूली करने वाली टीम पर धांधली करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा की टैक्स वसूली को 80 हजार का बिल भेजा जाता है और गोलमाल कर आठ हजार का जमा कर लिया जाता है। कहा कि निगम टैक्स विभाग में हो रही यह धांधली बंद होनी चाहिए। उन्होंने सदन में निगम टैक्स के साथ यूजर चार्ज भी ऑन जमा कराने पर जोर दिया।
वार्ड-17 के पार्षद जय किशन पाल ने सदन को अवगत कराया कि वार्ड -17 हिंडन विहार में 2017 में चार बीघा जमीन में नगर पालिका बालिका स्कूल बना था। सामने करीब चार बीघा खाली जमीन है।फिलहाल करीब आठ बीघा जमीन में वत्स रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड ने बस्ती के बीच में कलेशर चल रहा है। जिससे आसपास की जनता परेशान है। उन्होंने सदन से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि इस बिल्डिंग में पुनः लड़कियों का स्कूल खोला जाए। इस दौरान चिक्मम्बर पुर आदि जगहों पर में निगम की जमीन पर हुए अवैध निर्माण पर भी चर्चा हुई। महापौर ने सम्पत्ति विभाग को निगम की जमीन तत्काल कब्जा मुक्त कराने के निर्देश जारी किए।
सदन में सीवर की समस्या और कूड़ा रहा प्रमुख मुद्दा,पार्षद कूड़ा डालने के स्थान पर चर्चा करना भूले
निगम में निगम की बोर्ड बैठक में पार्षदों ने लाइट,पानी,सड़के,नाला सफाई, पुलिया निर्माण ,हैंडपंप के आलावा मुख्यत वार्डों में आ रही सीवर समस्या का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। और शहर के कूड़े की समस्या पर भी चर्चा हुई । लेकिन कूड़े के समाधान की प्लानिंग को किसी भी पार्षद ने सदन में नहीं रखा । शहर का कूड़ा कहाँ ढाला जाए ,इस पर कोई प्लानिंग या स्थान(डंपिंग ग्राउंड)पर कोई चर्चा सदन में नहीं हुई। वार्ड- 53 से की पार्षद सुमन ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुना है कि निगम में सिफारिश के आधार पर वार्डों में कार्य का बजट मिलता है। किसी को एक करोड़ किसी को दो करोड़ का बजट मिल जाता है ! उन्होंने कहा कि क्या मुझे भी सिफारिश के लिए किसी को लाना होगा ? … महापौर सुनीता दयाल ने सभी पार्षदों को आश्वासन दिया कि नियमानुसार सभी के वार्डों में बराबर काम होंगे ,किसी की कोई सिफारिश मेरे यहां तो नहीं चलेगी।
निगम की 1702 दुकानों के किराए पर, थ्री प्लस थ्री कमेटी लेगी निर्णय
निगम की 1702 दुकानों के किराए में बढ़ोतरी को लेकर ससडन में मौजूद पार्षद आपस में भिउड गए और जमकर जुबानी जंग हुई। कुछ पार्षद सदन में किराया बढ़ाने के पक्ष में दिखे तो कुछ इसे टालने के मूड में दिखाई दिए। आखिर में महापौर ने निगम की इन 1702 दुकानों के किराए में बढ़ोतरी को लेकर एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव रखा गया । उन्होंने कहा कि ट्रे प्लस थ्री कमेटी अब 1702 दुकानों के किराया बढ़ोतरी तय करेगी।उन्होंने कहा कि कमेटी में 3 निगम अधिकारी और 3 पार्षद शामिल होंगे,जिनके नामों कीघोषणा जल्द क्र दी जाएगी। पार्षदों ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर फोन न उठाने का भी आरोप लगाया।
पार्षद अजय शर्मा ने पूर्व में हुई कार्यकारिणी बैठक की मिनट्स लेट मिलने का आरोप लगाया। वार्ड पार्षद प्रवीण चौधरी,उदित मोहन ,कृष्णकांत खेमका ,ओमप्रकास गौड़ ,मनोज त्यागी ,हिमांशु चौधरी मुलायम सिंह ,राजकुमार नगर ,पप्पू नागर,नरेश जाटव ,शिल्पा चौधरी ,नीरज गोयल ,आदि पार्षदों ने अपने- अपने वार्डों की समस्याओं को प्रमुखता से सदन में रखा।पार्षद मनोज त्यागी अंसाल हाउसिंग बिल्डर के के जरिए विकसित की गई अवंतिका कालोनी के हैंड ओवर की बाकी आठ करोड़ की राशि और चिरंजीव बिहार में डेयरियों से आने वाले पशुओं के गोबर से नालियां बंद और गंदगी का मुद्दा उठाया।और उनपर सख्त कर्रवाई की मांग की। निगम बोर्ड बैठक में सभी पार्षदों ने शहर की सीवर समस्या को गंभीरता से लेते हुए, सीवर सफाई करने वाली कंपनी वबाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और सदन में जमकर, गो। … वबाग ,गो…. वबाग के नारे लगाए । जिसे गंभीरता से लेते हुए महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि वबाग कम्पनी को हटाया जायेगा। और शसन को इसके लिए प्रस्ताव भेजा जायेगा । वही डोर -टू -डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली कम्पनी नेचर ग्रीन पर भी महापौर ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह दोनों कम्पनियां नगर निगम की छवि खराब करने में लगी है।
पालतू डॉग्स का रजिस्ट्रेशन व नवीनीकरण हुआ महंगा
निगम सदन में पालतू श्वान(डॉग्स) के पंजीकरण और नवीनीकरण को लेकर राशि तय की गई। डॉ. अनुज कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि पालतू डॉग्स का रजिस्ट्रेशन पहले 200 रुपए था और नवीनीकरण 100 रुपए था । जोकि अब इसको बढ़कर रजिस्ट्रेशन एक हजार और नवीनीकरण पांच सो रुपए करने का प्रस्ताव रखा गया है। जिस पर सदन ने सहमति जताते हुए प्रस्ताव को पास कर दिया गया। और पैनल्टी को भी बढ़ाया गया । पेट शॉप लाइसेंस फीस को पांच हजार किया गया। नगर निगम सदन की रात्रि सादे आठ बजे तक चली मैराथन बोर्ड बैठक में 18 प्रस्तावों पर हंगामे के साथ चर्चा शुरू हुई जनमे दो प्रस्तावों को सदन ने निरस्त करते हुए हंगामे के साथ शहर के विकास कार्यों सहित करीब 16 प्रस्तावों पर सदन ने मुहर लगाई।
निगम के वाहनों को डीजल पेट्रोल की नहीं होगी कमी:नगर आयुक्त
सदन में नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह ने पार्षदों के जरिए उठाए गए अनेक सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा की हम सभी निगम की आमदनी बढ़ाने को प्रतिबध्द है।शहर के विकास के लिए सभी काम करना चाहते है। शहर को नंबर वन बनाने के लिए सबका साथ जरुरी। मिलकर शहर को प्रदेश में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने कहा निगम में डीजल सप्लाई के लिए कोको आदि पेट्रोलियम कंपनियों से वार्ता कर, जल्द ही डीजल की समस्या का स्थाई समाधान कराया जायेगा।
वबाग कंपनी का ठेका हटाया जाए :महापौर
सदन में सीवर की समस्या को लेकर पार्षदों ने वबाग कंपनी के खिलाफ जमकर नारे लगाए। सदन में विरोध के बाद महापौर ने कहा कि शहर में सीवर की समस्या सबसे गंभीर समस्या है, सदन में शहर के सभी पार्षदों ने सीवर की समस्या को प्रमुखता से उठाया है। यह सबकी समस्या है। उन्होंने कहा कि वबाग कंपनी निगम को बदनाम कर रही है। शहर में सीवर की समस्या सबसे बड़ी समस्या है। यह कम्पनी सही काम नहीं कर रही 100 कर्मचारी कम है। जहां पांच मोटर लगने है वहां दो लगे है। सीवर के ढक्क्न तोड़ देते है। मरम्मत नहीं करते है। उन्होंने कहा की कमियां मिलने पर इस कम्पनी की वजह से एनजीटी ने निगम पर 128 करोड़ की पैनल्टी लगाई। इस पेनल्टी को अब वबाग कंपनी भरेगी। उन्होंने कहा की इस कम्पनी का ठेका हटाया जाए। निगम अपने स्टार से सीवर सफाई करेगा। उन्होंने कहा कि शासन ऐसा कोई कार्य नहीं कर सकता जिससे जनता को परेशानी उठानी पड़े। उन्होंने कहा कि वबाग कम्पनी के ठेके के निरस्तीकरण के लिए में शासन को प्रस्ताव भेजूंगी।
निगम वकीलों के पैनल को बदलेगा
सदन में वकीलों के पैनल पर गंभीर आरोप लगे। जिसके बाद सदन में निगम के वकीलों के पैनल को बदलने का निर्णय लिया गया। महापौर ने कहा की यह पैनल सही कार्य नहीं कर रहा है। जिनको बदलने के प्रस्ताव पर सदन ने सहमति दी।